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कि वो टूट चुका है!!
तिरस्कार यदि बार-बार अपनो से ही मिले, तो वहां शब्दों का विवाद उचित नहीं।
क्योंकि........ जो व्यक्ति आपके महत्व को ही नहीं समझे, वह आपके शब्दों को और आपकी भावनाओं को कैसे समझेगा।
#ri...-
जो लड़का तुमको अपनी पसंदीदा औरत कहते कहते थकता न था.....न
साला..
तुम्हारा आचरणों की वजह से
सबसे ज्यादा नफरत, आज तुम से करता है.. यार-
कुछ यादें याद रखना,
कुछ बातें याद रखना,
जिन्दगी में हम तुम साथ नहीं रहेंगे,
लेकिन हम कभी साथ थे,
ये जिन्दगी भर याद रखना.
#love-
बीच चौराहे बेइज्जत हुआ
क्या मेरा आत्मसम्मान नही था
पलट के देता उत्तर मैं भी
पर दोनो के लिए कानून सामान नहीं था
वो मारती गई, मैं सहता गया
क्या गलती है मेरी दीदी ये मैं कहता गया
वो क्रोध की आग में झुलस रही थी
नारी शक्ति का सहारा लेकर मचल रही थी
अगर कानून दोनो के लिए एक जैसा होता
फिर बताती तुझे आत्मसम्मान खोना कैसा होता-
क्या बताये...कैसे कैसे
मिल जाते है लोग,
हमदर्द बताकर अक्सर हमें
छल जाते है लोग।-