वो आया,
वो बैठा,
उसने देखा,
उसने बातें की,
ये ख़्वाब था,
मैं रुका,
मैंने कलम किया,
उसने ज़ख्म दिया,
और हम चल पड़े।
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Bio..,
Bong by birth
✍barbad 💌
reader 📖
Songeet premi🎧
gambler 💵
Ibt... read more
समय के किसी भी पहर में
कुछ लिखने की इच्छा लिए टहलते रहना
सोचते रहना किसी कविता को
जो किसी ने कभी न लिखी हो
कागज़ उठाते हैं और स्याही ख़त्म हो जाती है।-
जब भी मैं ख्यालों से भर जाता हूं,
इश्क़ की चादर ओढ़ कर सो जाता हूं।
मुस्कुराती सी एक लड़की बेईमान सा एक लड़का,
मैं भी किसी कहानी का कोई क़िरदार हो जाता हूं-
वो तो मेरी आखरी कहानी है मेरे दोस्त,
प्यार इश्क़ मोहब्बत सब बातें पुरानी हैं मेरे दोस्त-
वो जो जानते है आम को आम सा आदमी,
बड़े अदने से सोच के गुलाम होते है।
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देर रात जब नींद की परी आँखों का रास्ता भूल जाती है,
तो लफ़्ज़ों के फूलों से मिलना होता है
शीत लहर बहती है ˈबॉलकनी' पर
फिर किसी का ख़्याल सिगरेट जलाता है,
और ऐसे दिन की दसवीं या आखरी सिगरेट पी जाती है।
पहले कस में देश की आर्थिक दशा के बारे में सोचता हूं,
फिर धुआं मंदी की तरह आसमान में मिल जाता है,
अगला कस मां बाबा की पुरानी कहानियों पर होता है
कैसे बाबा ने पहली पैंट खरीदी थी मैदा बेचकर
ये कस भी पूरा हुआ।
तीसरा कस उसके बारे में सोचता हूं वो किसके साथ फोन पर है जिसको अभी कॉल किया मैने
चौथा कस तुम इतनी लड़कियों से बात करते हो लौंडियांबाज़ हो,
पांचवा कस आधी से ज्यादा सिगरेट खत्म हो गई है
अगली जलाऊ क्या
छटा कस यार सिगरेट पीने से छाती का दर्द बढ़ रहा है
सतवा कस 'वो' जान सुन ना 'मैं' ढोंग ना करो ये बोल कर
आखरी कस यार सिगरेट इतनी जल्दी क्यों खत्म हो जाती है।
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रात की आँखों में नींद ना आने से कितना कुछ बदल जाता है,
आसमान में तारों की तरह छत पर यादों का अंबार लग जाता है।-
विचलित होना भी कितना सुकून देता है
जैसे कोई मौका हो
तुम्हारे केशो की छाया में कविताएं पढ़ने का।-