रूठना,मनाना,ये नाराज़गी सब ठीक है ये बेदिली ठीक नहीं ..,
हंसना,खिलखिलाना, ये सादादिली तो ठीक है ये ज्यादादिली ठीक नहीं..।।-
मैं उस दौर का उगाया हुआ हूं..,
जिस दौर में काटे नहीं जाते थे..।।-
ख़ुदा की नेमत होती है उन पर..,
जिनके दिल चेहरों से ज्यादा मासूम होते है..।।-
बाबा फरीद कह गए की
यूं आदमी चाहे कितना ही बेसुरा क्यों न हो..,
इश्क़ में पड़ते ही थोड़ा बहुत सुरीला हो ही जाता है..!!
😉😄😄
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औरों के कहने पर जो छोड़ गए..,
वो साथ मुझे खलते अच्छे-खासे है..!!
दुआ करते थे जो मेरी शिकस्त की..,
मेरी कामयाबी पे जलते अच्छे-खासे है..!!
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झूठे ना-मा'क़ूल सारे दर-ब-दर हो जाए...,
मेंह ऐसे बरसो की सब तर-ब-तर हो जाए..।।-
चेहरे पर मुखौटे दर मुखौटे है..,
लोग जितने बड़े बनते है उतने दिल के छोटे है..।।
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सुनो तुम यूँ उदास-तन्हा अच्छी नहीं लगती..,
बहुत जलता हूँ सारे जहान से..,
तुम मुझे किसी और के साथ अच्छी नहीं लगती..!!-
ख़्याल तुम्हारे इतने हल्के होके भी बोझल रहते है..,
हम है कि सबके दरमियां रहके भी ओझल रहते है..!!-