भागते इस दौर में
सब धुंधले नज़र आते हैं
जब ठहराव सोचता हूं तो
बस "राधे-कृष्ण" नज़र आते हैं-
जैसा Mood होता है,
जैसा मिजाज़ होता है,
लिख कर बयां करने की कोशि... read more
लिखूं मैं तुम्हें....कुछ इस तरह
मेरे बाद भी तुम छाए रहो हर जगह
मेरी कलम से तुम अमर हो जाओ
मैं फ़ना हो जाऊं तुम्हारे इश्क़ में कुछ इस तरह-
लो थाम लो हाथ मेरा,
चलो चले सफ़र पर किसी अनजाने से ।
इक तुम इक मैं
जैसे किरदार हो किसी कहानी के ।-
जब नज़रें मिली तुम्हारी नज़रों से
मेरी रूह से मेरी मुलाक़ात हो गयी
तेरे लबों पे जो आवाज़ आयी
बस वहीं तो सब वारदात हो गयी-
वक़्त गुजर रहा मत चेता मुझे बीत जाने दे
दरारें ही दरारें हैं मान पर मत संभाल मुझे टूट जाने दे
बिखर जाऊँ तो ऐसे ही छोड़ देना मुझे डर लगता है सिमट जाने से-
के काश बात वो हम न करते न बताते
ठीक रहती के दिल में दबी की दबी रह जाती
के हाल कुछ ऐसा है अब हमारा
क्यों बोले क्या बोले बात कुछ समझ नहीं आती-
आ तेरे मुस्कुराते लम्हों को
कैद कर लूँ अपनी आँखों में,
तेरी आँखों में कैद
हो जाऊं आँसू बनकर ।
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लिखूँ या न लिखूँ,
बिना लिखे रहा नहीं जाता,
ललाट की तुम्हारी बिंदिया,
बिना देखे रहा नहीं जाता ।-
जब तुम मुस्कुराती हो
बहुत भाती हो
डरता हूँ कहीं मेरी ही
नज़र लग जाये तुम्हें ।-
ये जो आज आँखों में आँसू हैं ,
जहन में गुस्सा है,
कारण, ऐ! दुनिया तेरी बेवफ़ाई नहीं है,
सब मेरी अच्छाइयों का हिस्सा है ।-