कल जिनके कांधे पर बैठ दुनिया देखा करता था,
आज उन्हें आसमान में तारों के बीच ढूंढा करता हूँ...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
भारतीय होने पर गर्व 🇮🇳 जय हिंद
शिक्षक और लेखक✍️
एकेश्वरवादी🙏🏻
नमो बुद्धाय⚛️
ज... read more
मैं कौन हूँ, बुझी-बुझी मेरी हस्ती क्यूँ हैं,
ये मुफ़लिसी हैं क्यूँ, ये तंगदस्ती क्यूँ हैं...
थामने तो नहीं आती हैं, किसी को लेक़िन,
जो गिर जाए कोई, दुनिया ये हंसती क्यूँ हैं...
मेरा लहरों से कोई, बैर तो नही लेक़िन,
बीच मज़धार मेरी, डूबती कश्ती क्यूँ हैं...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
दिखते नहीं मेरे अज़ीज अब, मीलों तक बस उजाड़ हैं
और तुम पूछते हो कौशल, मेरी इब्तिला का क्या हाल हैं...?
ɭo$t ɓoƴ...😔-
कुछ औऱ दिन बढ़े तज़ुर्बे में
एक और साल ज़िन्दगी का कम हुआ...
दुनिया देती रही बधाई जन्मदिन की..
हमें यूँ ही गुज़र जाने का गम हुआ...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
किसी अजनबी से यूँ मुलाकात हुई ,
जैसे आखिरी बार कल ही तो बात हुई...
उझसे बात कर मानो ऐसा लगा,
पहली बार दिल-ए-सहारा में बरसात हुई...
मुसाफ़िर थी वो शाम की हो चुकी थी,
ऐसा लग रहा है बातों-बातों में ही रात हुई...
लफ्ज़ो से छुअन ऐसी की घर कर गयी,
नैनों के सुकूँ में कैद-ए -लम्हात हुई...
खुशरंग बहारे ही अब बेरंग लगती है,
रुखसती से उनकी ऐसी हालात हुई...
साथ थी तो मौन थी मेरी तन्हाइयां,
तड़प उठी जबसे वो ख्यालात हुई...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
There is moral of life in ancient history.
As long as there is the breath of
there is hope in the heart...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
अब जिन्दगी में मेरी अहमियत पूछी जा रही है...
खैरियत नहीं अब मेरी हैसियत पूछी जा रही हैं...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
घुटन का वो मंजर है मेरे भितर,
कि मुस्कराना भी आज कल सज़ा लगने लगा है...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई हैं,
बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल...
ɭo$t ɓoƴ...😔-
हैरान हूं ज़िदगी तेरी हसरतों से मैं...
हर चीज़ छीनी तूने मुझसे "मुझें" छोड़कर...
ɭo$t ɓoƴ...😔-