बस इतना सब्र देना मेरे मालिक,
किसी भी मुसीबत में रहूँ,
हर दम मुस्कुराता रहूँ..!!-
माँ की ममता, ममता नहीं होती..
उनमे बच्चों का दर्द सहन करन... read more
बिखरने के तो लाख बहाने मिल जायेगे,
आओ हम जुड़ने के अवसर ढूंढे....
यह जरूरी नही कि हर शख्स हमसे मिलकर खुश हो,
मगर हमारा प्रयास यह रहे कि,
हमसे मिलकर कोई दुखी न हो..!!— % &-
वो मज़ा ए तड़प कहाँ,
ग़र सब एक साथ मिल जाये...
ग़ुमनाम किश्तों मे,
मरने का मज़ा ही कुछ और है..!— % &-
आशिक़ों के महबूब के पैरो की धुल हूँ,
हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ..!!— % &-
कितनी खूबसूरत हो जाती हैं दुनिया,
जब कोई अपना कहता हैं,
तुम बहुत याद आ रहे हों..!!-
मैं उस किताब का
पहला पन्ना हूँ,
जिसके होने या ना होने से
किसी को कोई फर्क नही पड़ता...!-
समंदर ना सही पर,
एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में जिंदगी,
कहीं तो होनी चाहिए..!!-
इस वर्ष की मकर संक्रांति,
आपके लिए हो तिल लड्डू जैसी मीठी,
मिले कामयाबी पतंग जैसी उंची,
इसी कामना के साथ हैप्पी मकर संक्रांति..!!-
तारीखें सारी जवां हो गई,
सुना हैं कैलेंडर को
बाइसवां साल लगने वाला हैं..!!-