एक आम रास्ता एक आम सी ज़िंदगी की तरफ जाता है
एक मुश्किल रास्ता खुशहाल ज़िंदगी की तरफ जाता है-
कैसी बेचैनी दिल मे उतर जाती है
आधी रात भी दोपहर नजर आती है
रत्तीभर भी नींद न बची इन आंखों में
मुंदने पर भी बार बार खुल जाती है-
होते है धन के कई स्वरूप तो कई होती है परिभाषायें
धनी की अपार तो निर्धन की होती है छोटी-छोटी आशाएं
कोई आभूषण ,कपड़ों,संपत्ति पर करता है अभिमान
कोई संस्कारों की दौलत संग कराता है अपनी पहचान
इस ऊँच-नीच दिन के बाबजूद भी हर एक पल सरस है
किसी के घर धनतेरस तो किसी के घर धनतरस है
-चेतन भारतीय-
स्कूल का बैग उतरते ही कंधों से,
शरारतों ने ज़िंदगी से मुँह मोड़ लिया
😓— % &-
अच्छे कर्मों की ऐसी निशानी छोड़ जायेंगे
हम हस्ते हस्ते जग को रोता छोड़ जायेंगे
🙏🙏— % &-
रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे प्रॉमिस डे
यह सब मेरे ज़िंदगी के हिस्से नहीं ,
पर कभी बात रक्तदान की हो
तो बताना हम आ जाएंगे— % &-
कम ऊंचाई से गिर कर भला कौन मरा है आज तक,
खुदखुशी के लिए भी बुलंदी चाहिए होती है चेतन— % &-
औरत के पेट में पलकर
औरत के जिस्म से निकलकर
औरत की ममता से खिलकर
औरत के अहसान तले दबकर
मर्द कहता है," ये औरते ही ख़राब है"।— % &-
जय जनतंत्र विजय गणतंत्र
देश भक्ति बने सदा हमारा मंत्र
दुनिया का दिग्दर्शक बने भारत
कर्मठता की लिखें इबारत
ध्वज तिरंगा लहराये सदा
संविधान की करें इबादत ।
रीति रिवाज,संस्कृतियों व
सभ्यता में श्रेष्ठ है भारत
नतमस्तक हूँ तेरे आगे
मेरी अभिमान है भारत
- चेतन
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ— % &-