cheese queen   (Miss_cheese_queen)
25 Followers · 18 Following

Joined 27 June 2020


Joined 27 June 2020
25 APR AT 20:01

जो भी हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ, ये बात मैंने मान ली है।
तू गया तो गया, अब तेरे बिन जीने की मैंने ठान ली है....

-


25 APR AT 17:08

भरोसा करके एक बार फिर पछता रही हूँ मैं.....
जैसे फूल खिलते, फिर से मुरझाई जा रही हूँ मैं।

मौसम बदलते हैं दिल के अरमान भी,
जैसे रेत में लिखे, साहिल से बह रही हूँ मैं।

दिल की गहराईयाँ समुंदर से भी गहरी हैं,
जैसे अंधेरी रात में सितारे खोज रही हूँ मैं।

तुम्हारी यादों का सहारा है मेरे दिल को,
जैसे सागर को किनारा, मैं तुम्हें ढूंढ़ रही हूँ मैं।

भरोसा करके एक बार फिर पछता रही हूँ मैं,
मगर आशा है कि मिलेंगे फिर से, यकीन दिला रही हूँ मैं।

-


25 APR AT 16:55

बारिश की बूँदें गीली-गीली गिरती हैं,
जैसे दिल के दर्द की आह निकलती है....

-


24 APR AT 22:33

सीने में भरा दर्द है,
जीने का हौसला हार गए....

खुशी के रास्ते पर मुसाफिर थे हम,
परिंदों की तरह उड़ने का इरादा रखते थे।


पर ज़िंदगी ने राह में बिछाए थे ज़हर के फूल,
होंठों पर हँसी के रंग की जगह थे काँटे खिलते।

दिल के छुपे गहराईयों में खोये रहे हम,
सजग बादलों की तरह बरस ना सके।

हर एहसास को छुपाने की कोशिश करते रहे,
पर आँखों में छलकते हुए अश्कों से सजा रहे थे।

अब हालातों के बवंडर में थमे हैं हम,
मुस्कुराहट की छाया ढूँढ़ने की कोशिशें करते रहे।

पर जीने की वो चाहत अब गतिहीन सी रह गई है,
जैसे अधूरा सपना, जिसका कोई पूरा होने का साहस नहीं....



-


24 APR AT 19:54

निभाना ही ना था जब रिश्ता, तो हाथ बढ़ाया ही क्यों।

यूँ छोड़कर ही जाना था तो, तुम्हें आना ही था क्यों....

-


24 APR AT 19:33

Amidst the chaos, my soul is a wilting flower,
Beneath the weight of worldly woes, I slowly cower.

Life's burdens weigh upon me like an endless tide,
A weary traveler on this journey, seeking solace to abide.

Each day, a marathon through a labyrinth of strife,
Lost in a maze of duties, seeking respite from this life.....

-


21 APR AT 22:46

उस हाँ से बेहतर है एक ना,
जो बड़ी तकलीफों से बचा सके किसी को.....

-


21 APR AT 20:18

It rained heavily during the nights.
His memories create a different atmosphere.....

-


20 APR AT 16:35

यहां एक दिन आपसे दूर रहना जान निकल देता है मेरी,
आप तो बहुत दिन दूर रहे हमसे...


अब हाल पूछने आये हैं आप;
तो सुनिए; कबका दफ़न कर चुके हम खुदको....

अब बाकी खैरियत मेरी कब्र पर आकर पूछिएगा...

-


18 APR AT 23:31

तुमसे अब और क्या शिकायत करूं मैं...


तुम्हें क्यू कुसुरवार ठहरयूँ मैं भला ;
जब मैंने खुद तुम्हें अपने सारे दर्द बताए थे, सारे जख्म दिखाए थे...

-


Fetching cheese queen Quotes