सबनै जरुत थीं जद नंगे पांव पहोंचे हम,,
जद म्हारी बारी आई तों सबकै आडै बारिश थीं।
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बहम ना करिए के तेरा बिना सरना नी
बादशाह खोया पीछे जोकर न पूरा मोका मिल बादशाह बन्न का-
🦋वाणी से ही खुशी, वाणी से ही गम, वाणी ही पीड़ा , वाणी ही मरहम।🦋
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त्याग ओड़ै ए करो जड़े उसकी कद्र हो..
"दुफारी म्ह दीवा चसाण तै अंधेरा नही, दीवे का वजूद खत्म होया करै।"
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व्यवहार म आकड़ राखनी भी ज़रूरी हैं, या बात उन्हें सिखाई थीं,,
कदर नी होई, जित-जित नरमाईं दिखाई थीं,,-
लहजे सलीखे बड़े मायने रखते हैं मुझको
खंजर झेल लेता हूँ मैं शब्द चुभते हैं मुझको...-
डूब गए हैं लोग सभी हैरानी में.
जाने क्या कह दी है बात रवानी में
मुझको चुप रहने की आदत है
वरना जानता हूँ मैं कौन है कितने पानी में-
चेहरे की हांसी सब नै देखी, दर्द कोए भी समझ ना पाया
काल तक जो अच्छा कहया करै थे, आज उन्है ही बुरा बताया-
और कुछ इस वजह तै भी मेरा ईमान यो बिकता नही..
क्योकि मेरी मां कवै है :- बेटा ' राम सब देख्या करै', बेशक वो दिखता नही..-
सुंदरता का मोह त्याग चुके हैं हम
जिसको पसंद आना था आ चुके हैं हम-