Charmi Rajput   (_Poet.by.heart_)
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Joined 28 April 2020


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Joined 28 April 2020
7 FEB 2022 AT 0:55

हर रात सोचती हूं,
क्या गलती हुई जो इतना गलत शक्श निकला
जिससे बेपनाह चाहा वो कितना खुदगर्ज निकला ।
— % &

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7 FEB 2022 AT 0:52

खुशी उसके पैरो तले से कुछ यूं खिसक गई
जब उसे समझ आया की ये तो हर किसी में बंट रही ।— % &

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7 FEB 2022 AT 0:50

अजीब आदत थी उसकी
किसीको दुखी नही देख सकने की
पर देखते ही देखते
उसने अपनो को ही छल दिया
सबको खुश रखने के लिए
उसने उस एक शक्श को ही बिखेर दिया।— % &

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12 NOV 2021 AT 23:57

मैंने पूछा क्या पसंद है मुझमें
उसने मुस्कुरा कर कहा — "सच्चाई"
जो खुदको नहीं सच को पहले रखती हो
इज्जत से बढ़कर जिसके लिए
सच्चाई की खुशी का मोल भारी हो
वो लड़की हो तुम जो सबसे न्यारी हो
जहा दूसरे सच न बोलके झूठ का दामन थामे है
इज्जत ना उतर जाए इसलिए चुप्पी धारे है
जानकर सच भी सच्चाई को मारे है
वहा इस जीवन को कैसे जीए...
उसकी तुम एक प्रेरणा हो !!!

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28 OCT 2021 AT 16:11

मैं तेरी आंखों में इस क़दर खोई हूं
की इनकी गहराई का कोई अंत नहीं है
तेरे हुस्न के बारे में मैं और क्या बतलाऊ
क्योंकि तेरा मुख सुबह की खूबसूरती झलकाता है
और शाम के सूरज जैसे आराम दे जाता है
भीगी बारिशों में तेरे भीगे बाल
मुझे ठंडक और सुकून दे जाते है
तेरी आवाज में हल्का सा नशा
मुझे राहत की सांस जैसा लगता है
जब मिलते है हम तुम
तो ये हवा कुछ महक उठती हैं
और खुशबू बन हवा में घुलने लगती हैं



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28 OCT 2021 AT 16:09

मुझ में जब खोता है तू
आसमान कुछ हसीन होता है
हा माना रोज नही मिलते हम
मगर फिर भी रबरू तो तू मुझसे रोज होता है
एक उलझन में रहती हु मैं
तेरा हाथ थामू या दुनिया के साथ भागू
एक डोर सी मुझे तेरी ओर ले जाती है
तू कहता है ना हम रोज क्यों नही मिलते ?
और मैं कहती हु हम हर पल साथ ही तो रहते है
जब उठती हु मेरे पास नजर आता है तू
जब चल देती हु साए की तरह साथ गुजरता है तू
जब रोती हु अश्क बन बहता है तू
होठों पर हंसी बन छुपा बैठा है तू
मुझमें जब इस तरह शामिल है तू
फिर बता क्यूं एक मुलाकात के लिए रोता है तू

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26 OCT 2021 AT 20:19

I think about the past i didn't deserved

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24 OCT 2021 AT 6:40

दगा की बात भी वो कर रहे
जिन्हे खुद तक से तो वफा है नही
क्या बताएंगे वो हमारे बारे में
जिन्हे खुद तक से इखलास है नही
जो हमे गलत ठहरा रहे
जरा पूछो उनसे जरा
वो कौनसे सही का पाठ
दुनिया को सीखला गए

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24 OCT 2021 AT 6:39

खो दिया खुदको हमने
किसी को पाने की चाह में
कुछ आदतें यूं बदली
नजरानो की चाह में
हमे खुदसे छीन कर
आज वो शायद जीत गए
पर वक्त हमसे भी दगा
कब तक करेगा
आज उनका दिन हैं
कभी हमारा भी होगा

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17 OCT 2021 AT 13:29

What hurts the most....?
When you choose the same person everytime
But he is having different person's for different occasions

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