कड़ी से कड़ी धूप में भी,
ठंडी हवाओं का बसर लगता है।
टूटकर भी टूटा नहीं,
मां की दुआओं का असर लगता है।-
कलम का कमाल है।
रूठ गया हूं जिंदगी की हकीकत देखकर
सच्चे दोस्तों से मुझे झूठे दिलासे लेने है।
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जिम्मेदारियां तुझ पर खूब सारी रहेगी,
जवानी में जिंदगी से जंग जारी रहेगी।-
गुजर जाती है जिंदगी बड़े हादसों से चिराग
मौत का डर भी छोटा किस्सा सा लगता है।-
लकीरें कहती हैं किस्मत की बात
जब मेहनत मिलाती है सपनों से हाथ
गुरुर चल नहीं सकता हुनर के साथ
जब बदलनी हो जिंदगी में अपनी औकात।-
जिंदगी की उलझनों में
कुछ और उलझना चाहता हूं।
खुशी के आंसू बनकर
आंखों से निकलना चाहता हूं।-
कयामत के लिए चल पड़ी है दुनिया
मैं आंखों से अंजाम देख रहा हूं।
महाशक्ति बनने की होड़ में है सब
मैं इंसानियत का अहंकार देख रहा हूं।
साजिशें करते कुछ गद्दारों के आगे
मैं करोड़ों को लाचार देख रहा हूं।
हिटलर की तबाही से उभरी नहीं है दुनियां
मैं वहीं मंज़र फिर तैयार देख रहा हूं।
मजहब पर बंट चुकी इस दुनिया के
हर हिस्से में अंधकार देख रहा हूं।
झूठी शान के लिए लड़ पड़ी है दुनिया
मैं तबाही के वो निशान देख रहा हूं।
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थोड़ी मोहब्बत ही मांगती है
देश की सरहद हम से,
नफरत को देखो हथियारों
से घर सजाए बैठे हैं।— % &-
नजर नहीं आऊंगा तस्वीरों में मगर दोस्त
मुझ को तकलीफ़ो में याद करके देखना।— % &-
ढूंढ लेती है गैरों के आंगन में खुशियां अपनी
कहानी दो घरों की, औरत दुनिया बना लेती है।— % &-