सोच रही हूं, नए साल में फिर एक नई शुरुआत करूं।
वक्त अब भी है, क्यों ना कोशिश फिर एक बार करूं।-
दिल में कुछ ख्वाब भी जिंदा रखो.....
My Instagram idy--@... read more
क्या कोई है,जो सुन सकता है मन की आवाज को,
क्या कोई है, जो पढ़ सकता है आंखों की बात को।
छूपा है दर्द दिल में बहुत सारे मेरे अंदर चुपचाप से,
क्या कोई है, जो बांट सकता है मेरे दर्द की रात को।-
पता है, जब तुम पास होते हो....
तब ही अच्छा लगता है मुझे ❤️-
कभी कभी सोचती हूं, ये गणित भी हिन्दी की तरह होती,,
जैसे हिंदी में कहानियां, कविताएं याद रहती है वैसे ही
हमें गणित के सूत्र (Formula) से लेकर प्रमेय
(Theorem) के कथन (Statement) और
सिद्ध करना (Proof) शायद याद रह जाते।
Exam Time---- M.Sc. Mathematics
🙄🙄-
खेल कूद और शरारतों का बचपन,
बहुत याद आता है मुझको बचपन।
ना ऊंच - नीच का ज्ञान था हमको,
ना ही जात-पात की थी हमें खबर।
अनोखी ही दुनिया थी तब अपनी,
पल-पल याद आता है वह अक्सर।
हंसना, हंसाना, खुशी का हर क्षण,
चिंता न थी कल की, आज में सब।
कुछ कर गुजरने को तैयार तन मन,
सपनों का संसार, आंखों में थे तब।
वक्त रेत की तरह फिसलती रही,
और खो गया कहीं मेरा बचपन।
मां का लाड़,पिता के प्यार के लिए,
तरसता है अब यह नीरस जीवन।
बहुत याद आता है मुझको बचपन 😭-
कभी कभी मै जागती रहती हूं,
यूं ही, बेवजह ही।
आंखों से नींद ओझल हो जाती है,
या यह कहूं कि रूठ जाती है।
नींद की ऐसे रूठने की वजह से,
अनजान होती हूं मै।
और जागती रहती हूं सारी रात मै.....🙄-
जैसे कड़कती धूप में कोई इंसान भटक रहा हो रेगिस्तान में, प्यास लगी हो उसे और पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुआ हो....प्रेम विहीन जीवन भी उस कल्पना की भांति कठिन है।
प्रेम पाना और देना जीवन में....उस बारिश के जैसा है, जैसे एक किसान फसल उगाने के लिए बड़ी उम्मीदों से बादलों को देखता है... जैसे एक मां में अपने शिशु को देखती है या भक्त अपने भगवान में देखता। प्रेम चाहे किसी प्रेमी-प्रेमिका के दिल में हो या इंसान के लिए किसी इंसान में...प्रेम का अस्तित्व था, है और हमेशा रहेगा.....
बस उसे ढुंढना बाकी है.....🖊️-
जीवन में जितने भी करवाचौथ आये मेरे....
हर करवाचौथ में बस साथ तुम्हारा मिले...❤️-
Dear Zindagi
कभी कभी सोचती हूं कि कितना अच्छा होता गर गुजरा हुआ कल और वक्त हम भूल जाते। अच्छी-बूरी यादें हमें याद ही नहीं रहती और हम केवल आज में ही जीते। आने वाला कल कैसा होगा यह तो हमें पता ही नहीं होता और बिता हुआ कल हमें याद नहीं रहता तो शायद ज़िन्दगी में कभी उदासी नहीं आती।
गुजरा हुआ कल और उनमें बनी यादें ही तो हमें परेशान करती है, तड़पाती है। शायद इसीलिए जिंदगी में खास लोगों को और उनकी यादों को भूल जाना कठिन है 😔........ और इन कठिनाइयों में भी आगे बढ़ना, खुशियां मनाना बहुत मुश्किल हो जाता है फिर भी हम हंसते हैं, मुस्कुराते हैं...... शायद यही जिंदगी है जिसे हर हाल में जीनी पड़ती है.... अपनो के साथ भी और अपनो के बगैर भी......😔😔-
शब्द अब नहीं मिलते मुझे,,,,,
इसलिए कलम भी खामोश है,
मेरी तरह,,,,,,,,,-