Chandrashekhar Rajeev   (Chandrashekhar...)
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अभी तो हमनें महफ़िल में कदम बस रखा हैं हल्ला मचाना तो अभी बाक़ी हैं जनाब।।।
Joined 10 September 2019


अभी तो हमनें महफ़िल में कदम बस रखा हैं हल्ला मचाना तो अभी बाक़ी हैं जनाब।।।
Joined 10 September 2019
4 JUL AT 21:22

मुझे त्याग के साथ साथ समर्पण करना भी आता है चंद्र ।
लेकिन मैंने आत्मसम्मान के विरुद्ध समर्पण करना कभी नहीं सीखा ।।

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5 JUN AT 10:55

अगर कभी ऐसा हुआ जो ।
तुम मुझे धुनने निकले तो ।
आदतन ठहरा हुआ मिलूंगा वहीं ।
जहां तुमने मुझपे पूर्ण विराम लगाया था ।

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26 MAY AT 18:36

हर बार उसका मासूम चेहरा देख के मैं हार जाता हूँ चंद्र !
फिर सोचता हूँ प्यार में आज तक जीता ही कौन कब है।।

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15 MAY AT 16:42

औरतों के साथ पीना है तो चाय पियो ।
अगर हमारे साथ बैठना है तो शराब पिया करो ।।

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11 MAY AT 20:42

अब नफरत सी हो उठी है ऐ दिल में ।
चेहरा देख के गुस्सा सा आता है अब ।।

दूर ही रहे तो अब ज्यादा अच्छा है ।
पास आते ही झगड़ा हो जाता है अब ।।

गुरूर से बढ़कर दिल में अब कुछ नहीं है ।
पास आते ही नजरें झुकना पड़ जाता है अब ।।

प्यार था तो था उसे ही कदर नहीं है तो ।
भीख मांगने को दिल नहीं चाहता है अब ।।

अब जितनी भी बातों का हिसाब करूं तो ।
पछतावे के सिवा कुछ नजर नहीं आता है अब ।।

जितनी भी वादे और यादें थी तो थी चंद्र ।
सब भूल जाने के सिवा कुछ नजर नहीं आता है अब ।।

वो दूर मै दूर सब दूर हो गए है अब ।
बस सब भूल जाने को ऐ दिल चाहता है अब ।।

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28 APR AT 9:03

जिंदगी में असली आनंद तो चंद्र !
प्रश्न को प्रश्न पुनः बना देने में आता है।

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26 MAR AT 20:40

कुछ लोग शक्ल से न सही ।
मगर दिल से वाकई में बहुत बदसूरत
होते है चंद्र ।

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11 MAR AT 11:16

जो जितने के लायक हो उसपे उतना ही खर्च करो
चंद्र !
चाहे वो आपका पैसा हो या आपका अपना वक्त ।।

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4 MAR AT 19:20

जो लोग हमें देख के अनदेखा किया करते है ।
उन लोगो से हम नफरत किया करते है ।।
प्यार की बात तो छोड़ो उनसे बात तक नही
किया करते है ।
और रही बात तुमरी हो या किसी और कि
जिससे एक बार नफ़रत हो जाएं
उससे गिला क्या उससे किसी बात पर कभी
सिलसिला भी नही किया करते है ।

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4 FEB AT 20:50

कुछ चेहरे अब मैं याद नहीं करता ।
जिसको भूल गया हूँ उससे बात नहीं करता ।।

भले अब वो मुझसे लाख कोशिशें कर ले ।
लेकिन अब मैं मिलने की फरियाद नहीं करता ।।

कुछ इज्जद विज्जद असूल है अब मेरे भी ।
हर बार में ही पलटी खाऊ ऐसा मै अब नही करता ।।

और वक्त बदल चुका है और साल भी गुर चुका है ।
कुछ बाते थी पुरानी जो अब मैं नहीं करता ।।

शुरुआत की नई सीढ़ी को चढ़ कर कल की बात नहीं करता ।
आज में अब मैं जीता हूँ पुरानी बातें अब मैं नहीं करता ।।

कुछ चेहरे अब मैं याद नहीं करता ।
जिसको भूल गया हूँ उससे अब मैं बात नहीं करता ।।

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