chandra Shekhar Kumar   (chandra Shekhar Kumar)
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Joined 4 March 2021


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26 SEP 2023 AT 17:20

लम्बी सफर मे तुम्हारी याद आ गई
तुम्हें देखना चाहा तो सामने बादल आ गई
तुमसे बाते करना चाहा तो फोन मे नेटवर्क error आ गई

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21 SEP 2023 AT 8:28

चलो दोनों मिल कर पढ़ते है
मिल कर गीता पढ़ते है
तुम अपने मन मे श्री कृष्ण को बसा लो हम श्री राधा को बसा लेते है
चलो दोनों मिल कर राधे कृष्ण हो जाते है

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21 SEP 2023 AT 8:23

तुम बोलती हो हम तुम्हारे बिना जी लेंगे
हाँ मान लिया तुम्हारे बिना जी लेंगे
मगर खुदा न खस्ता कुछ हो गाया
फिर इस मौत का नाम किसे देंगे

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31 AUG 2023 AT 1:33

जो वफा के ना हुए तो वेवफा हुए।
जो वेवफा हुए तो किसी के ना हुए।
जो किसी के ना हुए तो वेवफा कैसे हुए‍?

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13 JAN 2022 AT 15:01

ठाण लो तो आसमान तुम्हारे कदमों में है
मान लो तो तुम्हारी चाहत तुम्हारे पास बैठा है
तुम घबराते क्यों हो अपने मंजिल पाने से
तुम संघर्ष तो करो तुम्हारी मंजिल तुम्हारे कदमों में है

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13 JAN 2022 AT 14:51

मैं तुम्हें देखे बिना तुम्हें पहचान लूँगा
मैं तुम्हारी सासों से तुम्हें पहचान लूँगा
तुम कितनी भी दूर रहो मुझसे,
मैं तुम्हारी एक चीख़ से तुम्हारे तकलीफ को पहचान लूँगा

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12 JAN 2022 AT 22:23

मेरी मुस्कराहट का, वज़ह तुम हो
खुद पर विस्वास दिलाने का, वजह तुम हो
मैं हार चुका था अपनी जिंदगी से
इस जिंदगी से खुशी में आने का, वजह तुम हो

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9 JAN 2022 AT 21:15

होई बिहार बंद, कुछ सोचन न जाइ। ।

सरकार कही मॉल, हॉल सब बंद,
रोज खुली मॉल, हॉल इसे कोई देखन न जाइ। ।

शिक्षा जा गिर समुद्र में, इसे कोई ढूँढन न जाइ। ।

सब कुछ छोर पढ़ाई बंद, इसे सरकार देख कहीं मर न जाइ। ।

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19 DEC 2021 AT 9:25

आज मेरे शहर मे अंधेरा-अंधेरा ही है
तुम्हें ढूँढना मुश्किल पर रहा है
इस अंधेरा में मेरा परछाई भी साथ नहीं दे रहा है
मेरा दिल अब तुम्हें भुलाया जा रहा है

अब मैं इस अंधरे से उजाले में जाने का कोशिश कर रहा हूँ
अब मैं तुमसे दूर जाने का कोशिश कर रहा हूँ
अब मुझसे नहीं होगा मैं अपने किस्मत से हार चुका हूँ
अब किसी तरह अपने आप सम्हाल रहा हूँ

मेरे इंतजार में कितने दिन अपने हाथों पर रंग नहीं चढ़ायेगी
और कितने दिन मेरे लिए अपने माँग को नहीं सजायेगी
जाओ तयारी सुरु कर दो अग्नि के साथ फेरे लेने का
अब मैं अपनी किस्मत से हार चुका हूँ और कितने दिन मेरा इंतजार करोगी

अब जाओ डोली में बैठ जाओ तुम तो साथ दी मेरा
मैं यही सोच लूँगा किस्मत बेकार था मेरा
हर जगह तुम और खुदा भी साथ दिया मेरा
अंत मे आ कर खुदा भी साथ छोड़ दिया मेरा

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14 NOV 2021 AT 23:23

मुझे किसी की आदत होने गयी है
लगता है मुझे फिर से मोहब्बत होने गयी है
पहली मोहब्बत भुला नहीं दूसरी मोहब्बत होने गयी है
लगता है फिर से मेरी जिंदगी बर्बाद होने गयी है

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