नैनो से ठगे ठगे थे न जाने कब से जिस्मो ने कारीगरी कर दी बस इतनी सी बात ने रिस्तों को सहज कर दी आप से तुम हो गये दूरियों की खामोशी कम हो गई जो डगमगाये थे लफ्ज कहने को कभी वो बस जिस्म पिघल कर कह गये
वक़्त तो वो परिंदा है जो ऊँचाई तक ले जाता है एक पल में जिमीदोष भी कर देता है हो कोई भी बाहुबली, हर किसी पर लगाम रखता है वक़्त वो बला है,जो सब को अपना गुलाम रखता है