Chandni Singhrajput   (चाँदनी🌛✍️)
2.1k Followers · 866 Following

read more
Joined 11 August 2020


read more
Joined 11 August 2020
5 SEP 2020 AT 21:20

वफा कर के भी यहा वफाये नही मिलती,
इश्क़ के अदालत मे कोई सफाई नहीं मिलती..!!
आंसुओ को मुस्कराह में बदल कर,
फस गई कुछ झूठ के दलदल में मैं

अपनी हसरतों से खुद ही ङर के
हों गई जिन्दा मैं थोङा सा मर के,
बङी आसानी से यहा लोग बदल भी जातें हैं,
झूठी हसीं लेकर हम सम्भल भी जातें...!!

-


7 JUL 2021 AT 0:28

इल्ज़ामों के शहर में इल्ज़ाम नई हैं...
इस दुनियां के गुनाहों में एक सबसे बड़ा गुनाह वफ़ा को कही हैं....
अगर हैं गुनाह दिल तोड़ना💔
तो टूटा दिल लिए वफ़ा निभाने वाला हर शक़्स का गुनाह
माफी के काबिल नहीं हैं....

-


4 JUL 2021 AT 0:41


सबूत और क्या पेश करूँ मैं
की मैं कमज़ोर नहीं....
ज़िन्दगी चुनी हैं मैंने
मुझसे बढ़कर कोई सबूत नहीं...

-


27 JUN 2021 AT 20:34

मेरा दिल तेरे नाम के किसी नाम पे भी नहीं धड़कता
मेरा दिल तो बस तेरे नाम से धड़कता हैं

-


25 JUN 2021 AT 0:49

खुश हैं अगर दो इन्सान एक दूजें की बेवज़ह सी बातों से तो बातों के मतलब जरूरी हैं क्या,

अगर मिलती हैं ख़ुशी बेनाम रिश्तों से
तो रिश्तों में नाम जरूरी हैं क्या,

अगर खुश हैं वो आज में
तो उम्रों के वादे जरूरी हैं क्या,

चलो आओ जीते हैं जिन्दगी इसी पल में
बेवज़ह बेपरवाह ये ज़िन्दगी
ज़िन्दगी ऐसी ही तो अच्छी हैं...

-


21 JUN 2021 AT 13:01

अब कोई खौफ़ हमे डरा नहीं सकता
अब कोई दर्द हमें रुला नहीं सकता
अब कोई जख्म इन आँखों को जगा नहीं सकता
जख्म तो बहोत दीये तुमने वो कल की बात थी,
मगर अब कोई इन आँखों से एक बूंद भी गिरा नहीं सकता
टूटी थी इस कदर खैर वो कल की बात थी,2
तुम दिल की बात करते हो यहाँ सीने से
अब कोई साँसे चुरा नहीं सकता....!!!

-


20 JUN 2021 AT 20:14


तुम दिल की बात करते हो,हम जज़्बातों को दफ़ना आये
टूटा था दिल कई हिस्सों में,चाह कर भी हम उठा नहीं पाए
की थी कोशिश एक दफा,टूटे हिस्सो को समेट लूँ
हर टूटे हिस्से में वही एक चेहरा नज़र आया
हम हर टूटे हिस्सो को ठुकरा आये...!!

-


20 JUN 2021 AT 14:46


परायो की बस्ती में बसर करते हैं
की परायो की बस्ती में बसर करते हैं
जहाँ आया शब्द अपना फिर
एक नई तलाश में निकलते हैं

-


19 JUN 2021 AT 13:51

पूजा की वो आखरी पेहर थी शायद हाँ शायद
हर इंसान को अपने अपने घर जाने की जल्दी लगी थीं,
हर शख्स अपने से बड़ों का आशिर्वाद लेने में लगा था,
वही कोने में एक बुजुर्ग वो जिसे कहते हैं हज़ाम वो भी तो वही खड़ा था,

पूछी जब एक सवाल माँ से तो जवाब आया वो हजाम हैं उनके पैर नहीं छूते "मेरे मन में अनगिनत सवालों की लेहर सी दौड़ पड़ी
मेरे दिल दिमाग मन में एक बग़ावत ठहर गई"
बिना एक पल गवाये उस बुजुर्ग के पैरों को मैं छू गई..
पहले वो थोड़ा सा घबराये फिर धीर से मेरे माथे को सहलाये ...!!

बच्चा बच्चा वहाँ मेरा मज़ाक बनाने में लगा था😁 ..
और मैं खुश थी उन खुशियों में जो पूरा पूरा बस मुझे आ मिला था🙃
हर आशिर्वाद सबको बट बट के मिला था
बस वही एक आशीर्वाद हैं जो पूरा बस मेरी झोली में गिरा था...!!!

-


18 JUN 2021 AT 20:58

जात पात के नाम पे बने कुछ दकियानूसी रिवाज़ो को तोड़ आई मैं
हर गली हर मोड़ पर एक नई पेहचान छोड़ आई मैं
लोग करते रहे जात पात के नाम पर अपने अपने घरों में बर्तने अलग मैं उन बर्तनों को एक कर कुछ नए रिश्ते जोड़ आई ....
#new frndz...

-


Fetching Chandni Singhrajput Quotes