Chandni Rahi   (Minew_ords✍️❣️)
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Joined 17 June 2021


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Joined 17 June 2021
7 DEC 2023 AT 22:43

क्या खुशी थी मेरी चेहरे पर उस दिन,
जब तू मेरे जीवन में आया,

न जाने क्यों,
उस दिन कभी न रोने वाला तेरा ये पिता रो पड़ा,

तुझे देखा,और तुझमें खुद को पाया,
मानो उस वक्त मैने संसार की सारी खुशियां पाया,

तुझे उंगली पकड़ कर चलाना,
तुझे हसता देखना,यहीं मेरा जीवन था,

तुझे सब से बेहतर बनाना,
केवल यहीं मेरा सपना था,

कभी खुशी में तेरे गले नही लगा ये तेरा पिता,
पर तेरी कामयाबी में,
सबसे ज्यादा खुश होने वाला शक्श है, तेरा पिता ।

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23 JUL 2023 AT 20:33


कोई तो होगा जो मुझे बेइंहतिहा प्यार करता होगा , कोई होगा जो मेरे फ़ोटो को zoom करके देखता होगा, कोई होगा जो मेरे माथे की बिंदी पर अपना नाम ढूंढता होगा, कोई होगा जो मुझे, काला टीका लगा कर,बुरी नजरो से बचाएगा, कोई होगा जो मुझे दिल से अपना मानता होगा, कोई होगा जो मुझे देखने के बाद किसी और को नही देखता होगा ।

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2 FEB 2022 AT 22:30

आज मेरी खूबसूरती में एक अलग रंग आया है,
जब उसने मेरी खूबसूरती को,अपने पन्नों पर, कलम के ज़रिए उतारा है ।— % &

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2 FEB 2022 AT 22:25

आज मेरी खूबसूरती में एक अलग रंग आया है,
जब उसने मेरी खूबसूरती को,अपने पन्नों पर, कलम के ज़रिए उतारा है ।— % &

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23 JAN 2022 AT 23:04

झुटलाने की आदत गई नहीं तुम्हारी,
आंखो में आंखे डालकर प्यार का इज़हार करते हो,

मेरे मुस्कुराने के बाद कहते हो कि,
मजाक करते हो ।

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22 JAN 2022 AT 13:14

Jab mai taiyar ho ke aati hun,
wo dekhta rah jata hai,

aaj khali tha matha mera,
aaj usne uspe bindi sajaya hai,

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17 JAN 2022 AT 16:11

उम्र भर के लिए, वो साथ निभाये,
मेरे चेहरे पे झुरियां आने तक ।

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15 JAN 2022 AT 20:37

सुनो आज लिखा मैंने कुछ तुम्हारे लिए, उसे
सुनाती हूं, अपनी जुबानी, हमारे बारे में बताती हूं,

नहीं देखा मैने तुम्हें कभी पर,
तुम्हें लेकर एक रचना मेरे मन में हैं,

हम मिले नही कहीं,
पर मिलेंगे कभी, ये वहम मेरे मन में है,

मिल के एक दूसरे से हम, खुश होंगे ज़रूर,
ज्यादा खुश होऊंगी मैं, ये बात मेरे मन में हैं,

प्यार नहीं कहती इसे, दोस्ती का नाम दिया है,
पर असल में, प्यार है,या नहीं, ये बात मेरे मन में है ।


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14 JAN 2022 AT 23:22

वो पायल आज पहन लिए मैने ,
जो दिए थे तुम कहीं कॉलेज के दिनों में,

चलती है मेरी साथ हमेशा, मेरी दोस्त बन कर वो,
तुम्हारे प्रेम का प्रतीक, मुझे याद दिलाती है,

बिखर गए सब घुंगरू, एक दिन,
जिस शाम हम बिछड़ गए,

नही रहना चाहते अब वो घुंगरू मेरे साथ,

बिल्कुल मेरी तरह वो बिखर गए,
बिल्कुल मेरी तरह वो बिखर गए ।

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12 JAN 2022 AT 16:47

सुख रहे मेरे दिल के ज़ख्म अब,
उसमे मरहम लगाना मैं सिख गया हूं,
खुश होता था जब तुम मेरे साथ होती थीं,
बदल गया मैं, छूट गई आदत तुम्हारी,
अब अकेले चलना सीख गया हूं ।

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