हमारे बाद अब महफ़िल में
अफ़साने बयां होंगे
बहारें हम को ढूंढेगी,
न जाने हम कहाँ होंगे
इसी अन्दाज़ से झूमेगा मौसम,
गायेगी दुनिया
मुहब्बत फिर हसीं होगी,
नज़ारे फिर जवाँ होंगे
ना हम होंगे,ना तुम होगे,
ना दिल होगा मगर फिर भी
हज़ारों मंज़िलें होंगी,
हज़ारों कारवां होंगे- SHAYAR PARKASH
6 DEC 2018 AT 10:16