"मैं केवल देह नहीं..
मैं जंगल का पुश्तैनी दावेदार हूँ,...
पुश्तों और उनके दावे मरते नहीं..
मैं भी मर नहीं सकता.. मुझे कोई भी जंगलों से बेदखल नहीं कर सकता..
उलगुलान! उलगुलान! उलगुलान!
(उलगुलान =जल - जंगल - जमीन पर दावेदारी के लिए -कोलाहल, क्रांति, संघर्ष, आंदोलन )।
शेखर ❣️-
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते,
जो मिल गया उसे खोया नहीं करते,
होती है हासिल मंजिल उन्हें ,
जो वक़्त और हालात पर रोया नहीं करते!!-
प्रेम मन का भाव है सौदा नहीं ......
तभी तो हर किसी से नहीं होता ......!-
कामयाबी सुबह के जैसी होती है,
मांगने पर नही जागने पर मिलती है।
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जिंदगी cycle🚲 की तरह है balance बना कर चलोगे🚶 तो लम्बा जाओगे वरना गिर जाओगे❣️
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ख़्वाबों के मखमली सेज पर सोकर न उम्र गुजारिये , शिद्दत से ज़माना याद करे , कुछ कर गुजारना सीखिए...!!
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लुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है,
लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है!
बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की
लड़ो मिलकर दरिंदो से, ये हिन्दोस्तान सबका हैं…॥-
जो कौम अपने लीडर अपने रहनुमाओं के कार्यों की समीक्षा करना भूल जाती है वह कौम रसातल में चली जाती है।
जन्म दिवस मुबारक बड़े भाई सुनिल अस्ते-
छोड़ो ना
ये सफेद बालों की फ़िक्र
कोई तो होगा,
जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता होगा..
छोड़ो ना
बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र
कोई तो होगा,
जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता होगा
छोड़ो ना
ये गालों पे आने वाली सिलवटों की फ़िक्र।
कोई तो होगा,
जो सिर्फ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता होगा
छोड़ो ना
तुम वही करो,
जिससे तुम्हारे दिल को खुशी मिले
क्योंकि कोई तो होगा,
जो सिर्फ तुम्हारे खुश होने पे मरता होगा..♥️♥️🤞-
*उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए ..*
*सड़को पे हाथ पकड़कर चलने से मोहब्बत नहीं होती....*-