शरद पूर्णिमा का ये चंद्र ग्रहण तप है, इंतजार है,
इंतजार है गोपियां और राधारानी के रास का,
इंतजार है कृष्ण संग कृष्णमय होकर महारास का,
इंतजार हैं चंद्रमा का चांदनी को मिलने का,
इंतजार है,प्रयास है फिर चांदनी की शीतलता पाने का,
इंतजार हैं श्यामा संग फिर एक नई शुरुआत का,
इंतजार हैं श्रीकृष्ण की बासूरी संग विचरण करने का,
इंतजार है मन को निर्मल, तन को शीतल और भावों की अभिव्यक्ति का,
इंतजार है मधुबन में मुरलीमनोहर के संग महारास का......
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