Good morning papa!, Good morning mummy!, Mujhe naste me Kuch special chahiye q ki AJ mera college me pehla din hai . Haan, Baba AJ special hi banaungi mere beti AJ pehle bar Ghar se itne dur college padhne jaaegi toh special toh bannta hai , 'tum jaldi se taiyar ho jaaw nasta ready hai' ..' mummy mai jaa rhe hu nasta pack Kar do college me khalungi' .. yeh ladki v na humesa jaldi me rehte hai, 'acha beta college pauchte hi kha Lena Yaad se '. Haan mummy kha lungi ab bye .. 8 bje gye abhi tak Ghar nhi Aaye hai phone v nhi lag rha, Manisha k papa chalye chalye police me complaint likhwate hai USS k Sare frnd se pta Kar liya kahi nhi hai .. phone ring hota hai ' hello, kon ' Mai pass k Thane se bol rha hu kya bas highway par aa sakte hai " ji Haan Mai abhi aa rha hu " . Waha pauchte hi wo manjar , pass k sadak kinare badhaal istiti me kapke fate hue, jib Kati hue kaan kata hua , aakho ko fod diya gya hai , reedh ki haddi tooti hue ... Ek bache Apne sapne ko poora Karne ki keemat Kuch iss Tarah chukate hue ...
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संघर्षों से परिस्थितियों से न जाने कितने स्थितियों से , धूपों से हम छांव से वह काले वाले बादल से, बूंदों से हम अशुरू से न जाने कितने बलिदानों से, हम सींचे हैं बडे नाजो से .
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं-
सोए हो तो आओ उठा दु, लगता है भूल गए हो तुम्हें जेपी वाली आंदोलन याद दिला दु ।।
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वह कदमों की आहट पहचानती है बिन कहे भी सब कुछ जानती है,
निगाहों ने तेरे यूं ही पहचान लिया था मुझको इस अनजानी राहों में चुपके से साथ साथ चलते हैं,
समझ नहीं है मुझको इस जवाने की मैं लड़खड़ायु कभी तो सहारा बन जाना,
मेरी हर दरियों का यूं ही किनारा बन जाना ।।
@चकु-
शामो की मस्ती में पिघलने का अंदाज अलग होता है, उसके हवे में घूलने का एहसास अलग होता है, और जब उतरता है हलक से, वह चाई स्वर्ग से कहां कम लगता है ।
©चंदन-
कयी राहे छुटी कयी सहारे छुटे , छुट गया घर बार , नही छुटा शब्दो का दामन रेह गया हर बार।
©चंदन-
"कब तक यूं जलाई जाएंगी बेटियां "
गिर चुके हैं लोग इंसान हर नजर से इंसानया,
चंद कौड़ियों के लिए यू जलाई जाती बेटियां ।
हर खुशी बाबुल के छोड़कर यूं चल देती है बेटियां।
बचपन के आंगन छोड़ कर सब जिम्मेदारी उठाती हैं बेटियां।
सबको खिला कर यूं कभी ऐसे भी सो जाया करती हैं बेटियां।
हर रितियों को हर रिवाजों को हंस के अपनाया करती है बेटियां।
आखिर कब तक यूं जलाई जाएंगी बेटियां। गिर चुके हैं लोग इंसान हर नजर से इंसानया, चंद कौड़ियों के लिए यू जलाई जाती बेटियां।
©चंदन-
कब तक यू जलाई जाएंगी बेटियां
गिर चुके हैं लोग इंसान हर नजर से इंसानया, चंद कौड़ियों के लिए यू जलाई जाती बेटियां ..
©चंदन-
Kore kagaj ko sihayi Ka Sahara mil jaata hai , dubte hue insaan ko tinke Ka Sahara mil jaata hai , hosla rakhna chaand dubte ko ugte Ka Sahara mil jaata hai ..
©चंदन-
कुछ किस्से सुलझे नहीं होते हैं, और कहानी को अल्फाज नहीं होते हैं, और दफन होते हैं कई राज इस सीने में जो किसी को बताए नहीं जाते हैं ..
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