Chandan Kumar Jha   (© चन्दन झा "नन्द" ✍️)
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Joined 7 May 2020


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Joined 7 May 2020
6 HOURS AGO

The only time I’ve ever truly lost in life… was when I was completely in love with you

I stood undefeated in storms and in strife,
But love made me falter—just once in this life.
I’ve only known loss, not in war, not in pain,
But in loving you fully — again and again.

ज़िंदगी की हर जंग जीत ली मैंने,
बस हारा हूँ जब तुझसे बेइंतहा मोहब्बत की।

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11 MAY AT 16:14

वो जो थामे रही रात भर

वो माँ ही थी
जो हर दर्द को
साँसों में सहेजती रही —
जैसे कोई वृक्ष
रात भर इंतज़ार करता है
महुए की पहली बूँद के गिरने का,
बिना एक पत्ता हिलाए।
उसकी गोद में
हर आँसू मोती बन जाता था,
हर थकान
झूले की लोरी में बह जाती थी।
जब हम बीमार थे,
वो छाया बनकर
बुखार से भी बातें करती थी।
उसके हाथों की रोटियाँ
सिर्फ़ अन्न नहीं थीं —
हर कौर में उसकी ममता
घुलकर स्वाद बन गई थी।
जब दुनिया ने हमसे मुँह मोड़ा,
तो वो अकेली
हमारे साथ बैठी रही —
बिना सवाल, बिना शर्त।
माँ ने कभी नहीं पूछा
कि हम उसके लिए क्या लाए,
क्योंकि उसके लिए
हम ही उसकी सबसे बड़ी कमाई थे।
आज जब हम
अपने-अपने रास्तों पर चल पड़े हैं,
तो कहीं पीछे
वो अब भी बैठी है —
किसी पुराने झूले पर,
हथेलियों में सूरज समेटे,
हमारे लौटने की
एक मीठी प्रतीक्षा में।

(संसार की प्रत्येक माँ को समर्पित)

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28 APR AT 14:07

अन्ते सर्वस्य संत्यागः, तदेव खलु जीवितम्।

और अंत में सब कुछ छोड़ देने का नाम ही जिंदगी है !

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18 JAN AT 23:41

धूप का मिज़ाज अब क़हर लगता है,
छाँव भी आजकल इस कदर लगता है।
जमीं, आसमाँ, हर शख़्स तन्हा लगता है -
तेरे बगैर ये ज़िन्दगी अब ज़हर लगता है।

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3 DEC 2024 AT 16:34

Life is a battle

Blood often gets colder,

Don’t Quit, Don’t Rush

Let’s keep hitting it harder.

🖋️Chandan Jha

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23 NOV 2024 AT 11:21

Life is not judged by Fallouts, Because It's more about Comebacks.


जीवन का मूल्यांकन नतीजों से नहीं किया जाता, क्योंकि यह वापसी के बारे में अधिक है।

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1 SEP 2024 AT 15:10

तेरे जैसा मुझे कोई मिला ही नहीं
इस बात का कोई गिला भी नहीं,
तुझसे, तुझतक, मुझको दिखता है
उसके आगे कोई दिखा ही नहीं।

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19 AUG 2024 AT 11:47

अक़ीदत का रंग निगाहों में आ जाये तो कितना अच्छा,
राखियाँ ज़िंदगी का रुख़ बदलने का हौसला रखती है।

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15 AUG 2024 AT 0:29


तुम आओगी ना -

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9 AUG 2024 AT 12:47

लक्ष्य के ओर हर बढ़ते क़दम में, फ़ौलादी जुनून चाहिये,

कोई ऐसे ही नहीं हो जाता नीरज, राणा का खून चाहिये।

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