फिर किसी नये शख्स से मुलाक़ात होगी!! फिर से रात रात भर बात होगी!! सुबह होते ही उनसे मिलने की चाहत होगी!! उनके साथ बक़्त बिताने की ख्याहिस होगी!! उनकी आँखों से आंखे मिलानी होगी!! उनकी हाथ पकड़ के चलनी होगी!! उनकी खूबसूरत चेहरे पर तारीफ करनी होगी!! यूँ तो सब कुछ होगा!! पर तुमसे किया हुआ प्यार उनसे नहीं होगी!!
बुरा तो लगता है पर क्या करे हम भी लाचार है.. तेरी फिकर बहत है पर मेरे मन में तेरे लिए नफरत सबार है.. नहीं नहीं वो नफरत थोड़ा प्यार वाला भी है.. तेरे सामने तो तेरी बुराई करते है.. पर खुदा कसम हम सिर्फ तेरे लिए दुआ मांगते है.. तेरे साथ रहना अब मुमकिन नहीं.. पर तुझे एक दिन ना देखूँ ये हमें मंजूर नहीं..
अपने dairy में मैंने सिर्फ आपके बारेमें लिख रखा है!! आपके जिस्म का वो बनावट मैंने कागज पे उतार रखा है!! एक दिन फुर्सत में कही अकेले बैठ कर पढ़ना जरूर!! मेरे एहसास का कदर करना जरूर!! तुमतो मेरे नाम भी धीरे धीरे भूलने लगे होंगे!! पर मैंने आपके दिए हुए गुलाम को भी संभाल रखा है!!
कुछ भी होजाये कल होली को में तुम्हे जरूर रंग लगाऊंगा || हमें कोई देखनाले इस बात पर ध्यान भी रखूँगा || तुम भी कुछ बहाने बनाकर घर वालो से थोड़ा... झूठ बोल कर घर से बाहर आजाना || सुबह सुबह अपने आपको सबसे थोड़ा छुपा के रखना || मुझसे पहले तुम्हे कोई रंग ना लगाए इस बात पर थोड़ा ध्यान देना || रंगों को भी तेरे गालों को छूने का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा || तुमसे मुलाक़ात की ख़ुशी में मेरा दिल मदहोस रहेगा ||
Chall matt roo koi dekhega toh kya sochega.. Ansoo jaldi hi pooch le barna ye jamana tujhe bachha kahega.. Jitna v dard ho tujhe sabse chupa ke rakhna h.. Chehre hamesha hasi ka ek parda udhh ke rakhna h.. Paresani kitna v kyun na ho kisiko kuch nehi batana h.. Dusro se bharosha karne ka riwaj tujhe jald hi chodna h..
मेरी उम्मीद से अलग हो तुम || महोब्बत जताउँ तुमसे ऐसी इंसान नहीं हो तुम || बेवफाई की पन्नों से भरा हुआ एक किताब हो तुम || सिर्फ ख्वाबों में ही तुम अच्छी लगती हो || पर हकीकत में प्यार के काबिल नहीं हो तुम ||
वो रोती रही पर हम उन्हें समझ नहीं पाए || वो हमारा इंतज़ार करती रही पर हम उन्हें बापीस बुला नहीं पाए || कसम तोह खाये थे हम उनके साथ रहेंगे पर हम कसम निभाने की काबिल ना बन पाए || वो आयी थी खुशियों की बारिश लेकर पर हम बदनसीब थे उस बारिश में भीग भी ना पाए ||
प्यार ना सही,, होसके तोह नफरत करले || मेरे बुराई करने की मनसूबे लेकर आज मुझे थोड़ा याद करले || चाहे गाली दे या तशबीर जाला मेरी पर एक बार मेरे नाम अपने जुब्बा पे धरले ||
तुम गए हुए बहत साल होचुका है || शरीर अभी भी जबान है पर मन बूढा होचुका है || दिल में रखी हुयी तेरी तस्वीर धीरे धीरे धुंदला होने लगा है || तुम्हारी यादें अब याद नहीं आती || तुझे अपना बनाने का सपना अब आँखों से औझाल होने लगा है ||