मुझे इश्क़ नहीं आपने वतन से, के यह मुझे सांसे लेने देती है ।
मुझे इश्क़ नहीं आपने वतन से, के यह मुझे सांसे लेने देती है ।
मुझे इश्क़ है आपने वतन से, के वो कहती है ।
मेरे लिए मर मिटो, और बदले मैं तुम्हे २ गज जमीन के सिवा कुछ नहीं मिलेगा ।।
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Aashiq Mizaaz, views are personal.
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तुम्हारे इश्क मैं हमने खुद को फन्ना किया है ।
तुम्हारे इश्क मैं हमने खुद को फन्ना किया है ।
तुम एक बारी कह के तो देखो, हमने तुम्हारे इश्क में खुदा को फन्ना किया है ।।— % &-
रोशन करदो इस अस्मा को ।
महका दो इस जहां को ।
मीठा कर दो हर ज़ुबान को ।
के मेरे राम घर आये है ।।-
रात्रि अमावस्या की है।
संघर्ष की विजय की है ।
प्रभु श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेने की है ।
यह रात्रि शुभ दीपावली की है ।
दीपावली की सुभकामनाएँ ।।-
हर रात तेरा अक्स सामने आता है ।
हर ख़ुशी का लम्हा, तेरी याद दिलाता है ।
हर ज़ख्म तेरा दिया हुआ, आज भी युही खून बहता है ।
हाँ, आज भी तेरी याद मैं, यह आँखे युही आहुसू बहाता है ।।-
तुम्हारे आशिकी में, हमने तुम्हारे दिये सारे ज़ख्म संझौ कर रखें है ।
इन ज़ख़्मो से अपने लहू को रिस्ते हुए देखा है ।
इन ज़ख़्मो से आपने जिगर को बिना लहू के धड़कते हुए देखा है ।
तुम्हारी आशिकी में इन ज़ख़्मो को नासूर बनते हुए देखा है ।।-
तुम्हारे इश्क़ की याद मैं बहाया हुए, हमारा हर एक अहसु ।
ना जाने आज फिर किस आशिक़ की आंखे, नम कर रहा होगा ।।-
तुम्हारा दिया हर दु:ख से लेंगे ।
तुम्हारा दिया हर ज़ख्म भर देंगे ।
पर तुम्हारे जाने से जो दिल ही नही रहा, उसकी थमी धड़कन को दोबारा, भला हम कहा से भर पाएंगे ।।-
कुछ बात है तुम्हारे हँसने मैं ।
जो हर व्यथा को छोटा करती है ।
कुछ बात है तुम्हारे साथ मैं ।
जो हर मुश्किल अहसान करती है ।
कुछ बात तोह है तुम्हारी निष्ठा मैं ।
जो हर दिल मे प्रेरणा भर्ती है ।
कुछ बात तोह है मोहतरमा तुम मैं ।
जो हम सब को तुमसे दीक्षा मिलती है ।।-
You are sweet and you are Kind...!
Oh dont ask me anymore, I would'nt have a dime ..!
You are Beautiful and beguiling..!
Oh dont kill anymore, I would'nt stop admiring ..!
All I would say is hold your breath and move forward on one's guard...?
Oh now you dont have your loved ones ajar..!!
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