यहाँ सब के सब है
और किसी का कोई भी नही-
●यूँ तो कोरा कागज सी कहानी हूँ औ... read more
इंतज़ार.....
कौन कर रहा है
किसका कर रहा है और
सबसे जरूरी, कब तक करेगा?
है क्या इंतज़ार
वक्त का इंतज़ार,
इंसान के आने का इंतज़ार,
यानी कुछ सुखद अनुभूति का होता है इंतज़ार
मेरा अब खत्म हुआ, तुमसे जुड़ा इंतज़ार....
पर अब भी बाकी है उम्मीद किसी इंतज़ार की
जो फिर इस उदास साये को हटा कर मुस्कुराएगा
अभी भी बाकी है इंतज़ार एक सुखद इंतज़ार का
-
एक अजनबी से यूँ ही मुलाकात हुई
थोड़ी खामोशी, थोड़ी बात हुई
मै उलझी थी अपनी उलझन में
पर मिलकर उससे थोड़ी सुलझन हुई
एक गर्म कॉफ़ी थी सर्द हवाओं में
गानों की गुनगुनाहट भी थी उन्ही राहों में
मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा
कॉफ़ी और गानों का सफर चलने लगा
पर अब भी हमारी मुलाकाते तय नही होती है
पता नही कैसे, बस हो जाती है।-
"अव्यक्त"
प्रेम में जो अव्यक्त है
वही सबसे आकर्षक
और
वही सबसे भयावक।।-
किसी से मिल कर क्या कोई पूरा होता है
हिस्सेदार कर उसे अपना, ओर अधूरा होता है
-
तुम्हारी बाँहो में डूब कर
मानो ऐसा प्रतीत हो रहा
वक़्त ठहर गया हो जैसे
हर दर्द गायब हो गया हो जैसे
खोया हुआ हिस्सा मिल गया हो जैसे
रूह से जिस्म का बोझ उतर गया हो जैसे
तो क्या तुम्हें भी कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है?
या भावनाओं की दुनिया से अब कोई वास्ता नही तुम्हारा-
तुम्हारे उत्सुक प्रश्नों की बौछार ने
जवाबो की खाली जमीन पर भी प्रश्न चिह्न उगा दिए-
उसे मै पुराना वक्त याद दिला रही हूँ
खुद की ही कहानी में
मानो उसे खुद के किरदार से मिलवा रही हूँ-
एक तू ही वो शख्स है
जिससे हज़ार दफा नाराज़ होकर
खुद ही खुद को मना लेती हूँ
पर उस दिन क्या?
जब तू भी न मनाए
और मै भी खुद को न मना पाऊँ-
प्यार क्या है?
एक आदत....
एक ऐसी लत जो आपको उस एक इंसान से बांध देती है।
असल मे प्यार एक आदत ही है जैसे चीज़ों की आदत होती है वैसे इंसान की आदत हो जाती है, वैसे उसके साथ घूमने की, उसके साथ रहने की, उससे बाते करने की आदत-