अपनी लाश से यों कितनी बार गुज़रना होगा
तेरी ख़ुशी के लिए मुझे कितनी बार मरना होगा-
फूल तितली की बात करती हूँ
साँसें रही मेहर देने वाले की
खुशख़्याल... read more
अगरचे बात अना पे आई तो
ज़ाहिरां हद से गुज़र जाएंगे
नदी का सब्र गर ये टूटा तो
बसेरे नाहक ही उजड़ जाएंगे
मुगालते ने गर उंगली उठाई तो
सच के पांव बेतरह उखड़ जाएंगे
अदब से पेश आना सीख लें तो अच्छा है!
वरना औलाद और हालात बेवजह बिगड़ जाएंगे-
हकीक़त से ये तस्वीरें आंखें ना मिला पाईं
उन तंगदिलों को कोई भरोसा ना दिला पाईं
जिया कोई उधार का क्या रोशन करे उनका घर
जिसने जलाई बस्तियां ख़ुद ही पेशतर
देखतें हैं लोग ऐसे रोशनी के ख़्वाब
यों बेदिली से उजाला होता नहीं जनाब
इन बेजान तस्वीरों से कहीं बेहतर है ये किताब
गली गली घूमती बांटती सभी को ख़्वाब-
The hollowness of time
Is wry and roaring
Oh! Why are you pouring
Poor heart and its rhyme
People here don't need
Love's lulling hand or a friend
It's Eliot's dreary Wasteland
Where the typist can enlist
The problems on a sheet
Ailments can get a clinical treat
The asylum of life!
In and out...
Some are silent
And some do shout...
We are afraid! You and me
Groaning in agony
No one talks
That's the tyranny!
There is no sun, no bower
No sign of leaves nor a flower
All of us're longing
For a forlorne honey!
-
सारा मसला ख्वाहिशों का और मसल है ख़्वाब की
एक ये दुनियां है गोया, एक दुनियां आपकी!-
पुलक उठी अंगनाई
पलकें बहोर घर आईं
स्वागत में खड़ी उमंगे
बिटिया अंजोर भर लाई
जब खुली अधखुली आंखें
खुशियां हिलोर लहराईं
जब होंठ किलक मुस्काए
फूलों की डाल लजाई
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The child in you be blessed
With raw adventure and fun
It's life! It is to be lived dear
Not a race to be run
Look how the sky mirrors
Hearts of the moon and sun
And the blossoms blush
With the thought of dreams spun
The waves are gleefully playing
The game of chase and run
Enjoy the miracle of the moment
Forget what's gone and'll come
Amidst the treasure island
You're happily welcome
-
बड़ा रंगीन मौसम है
मायने हैं सब्ज़बाग
तितलियों के होंठ
रंगे खुशबुओं के रंग
और फूल फूल
फूले ना समाता
इल्म के बाग में
बहारें झूमती हैं
-
वो एक ख्वाबों की नाव चंचल
ये सब्ज़ नज़रें सवार जिस पर
सराहती हैं तमन्ना ए दिल
लुटा रहीं हैं प्यार इस पर
ये ख़्वाब सांचा! ये ख़्वाब साझा
रहा फक्रो ऐतबार इस पर
-
अंक में भर दौड़ते सरपट समय को
थाम लूं और फेर दूं पीछे वलय को
लौट जाऊं धाम धन प्यारे निलय को
धूप निरख पोषती जहां किसलय को-