Champa Lal Dhillan   (Champak)
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Joined 10 June 2018


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Joined 10 June 2018
4 DEC 2024 AT 9:26

धर्म और रईसी में इतना अभिमान क्यों है
गिरती इकोनॉमी मुफलिसी में परेशान क्यों है

यूं तो रहना है इस फिज़ा में अपनों के बीच
पग पग में जिंदगी का इंतहांन क्यों है

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1 DEC 2024 AT 6:59

मानवता समता भाईचारा और एकता के विकास के लिए
अगर राह में आए कोई बैरियर तो कालकुट विष पी लिए

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17 NOV 2024 AT 21:50

चंचल चंद्र की चपल चादर चंचलता
चारु चंद्र चुप चुप चल चल चप्पल पहनता

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17 NOV 2024 AT 20:44

आखिर देर से ही सही ठंड की शुरुआत तो हुई
बरसा शरद के बाद हेमंत से थोड़ी बात तो हुई
सुनहरे धूप की आस लिए रातें सोती है
कोई गरीब खुले आसमान तले बिना लिहाफ रोती है

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16 NOV 2024 AT 17:13

पलकों को नम कर देते है
दिलों में ग़म भर देते है
रह जाती है बस यादों की रहगुजर
कभी अपनों को बेरहम कर देते है

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16 NOV 2024 AT 17:09

Sometimes be silent
Encourage non violent .

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12 NOV 2024 AT 20:53

हर तरफ शोर है
विस्फोट है
धुआं है
चिंगारी है
फिज़ा में दमघोटू मौसम की जो एक तैयारी है
कुदरत को जो दोगे वहीं तो लौटाएगा
शायद कभी कोई कयामत की बारी है?

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22 OCT 2024 AT 21:09

अब तो दासता की बेड़ियों को
हट जाने दो
पहले हम गुलाम थे अंग्रेजों के
अब है कॉरपोरेट के
अब तो समता से बेड़ियों को
कट जाने दो

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20 OCT 2024 AT 22:40

उपग्रह हो धरती का चक्कर लगाते रहना
समुन्दर में ज्वार सदा लाते रहना

364 दिन करे जो लड़ाई अपने पतियों से
कमबख्त को 1 का उल्लू तो बनाते रहना

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20 OCT 2024 AT 22:22

अगर उपवास रहने से उम्र बढ़ती तो अस्पताल न होते
घर घर न होती किसी से द्वेश क्लेश तलाक न होते
प्रेम है तो सब कुछ है
जीवन का सब सुख है

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