आजकल मैं एक नए शहर में हूं हां यहां सहर थोड़ी देर से होती है लोग देर से जागते है और हां जल्दी सो भी जाते है पर यहां की नींद में एक सुकून है वही सुकून जो बचपन में मार खाकर पलंग के नीचे अंधेरे में दुबक कर रोते हुए ही जल्दी सो जाने से मिलता था क्योंकि पता था कि जब नींद टूटेगी तो सब कुछ ठीक होगा और ये बस बीता कल होगा।
रात में डर जाऊं तो प्यारी सी कहानी सुना कर फुसला देता है भूख लगी हो इतनी सी भी तो अपना पूरा पकवान ही थमा देता है बड़ा भाई है मेरा जो अपने हिस्से की छाव भी मुझपर बिछा देता है। दीवार सा खड़ा हरदम, हर लहरों को खुद में समा लेता है अपनी जेब को खाली कर वो मेरे सपनो को हवा देता है बड़ा भाई है मेरा, जो मेरे हिस्से की तपती धूप भी अपने तन सह लेता है। कभी मेरा खिलौना टूट जाए तो वो भी सिहर जाता है मेरे आंखो के आंसू से उसका दिल जैसे टुकड़ों में बिखर जाता है बड़ा भाई है मेरा जो मेरे हिस्से की आंसू भी खुशी से पी जाता है। अपने पैरो से पहले मेरे छाले को देखता है कांटा उसे चुभी हो फिर भी कंधे पर मुझे थामता है बड़ा भाई है मेरा जो अपने हिस्से की खुशियां भी मुझे सौंप जाता है। अंधेरा हो कही तो वो खुद चिराग बन जाता है दीपक सा जलता वो पर हमे झूमता नजर आता है बड़ा भाई है मेरा जो मेरे हिस्से के अंधेरे को भी खींच ले जाता है। लड़ लेता है कभी मुझसे पर मेरे लिए दुनिया से भी लड़ जाता है बड़ा भाई है मेरा जो अपने हिस्से का आसमां भी मेरे पंखों के लिए छोड़ आता है। घर की जिम्मेदारियों को अपने सिर ले मां बाप को हल्का कर देता है एक बड़ा भाई है मेरा जो हमे कंधे पर थामे खुद दबता चला जाता है फिर भी बढ़ता चला जाता है, बस हंसता चला जाता है।
सच्चा दोस्त वो तुम्हारे मंजिल का रास्ता भले ही ना हो पर जब तुम चलते चलते थक जाओगे, या कोई ठोकर तुम्हे गिरा देगी तो वो तुम्हे मिलेगा उसी रास्ते पर तुम्हारा हाथ थामे और प्रेम से खींचता तुम्हे तुम्हारे मंजिल की ओर
Everything is ok, life is going on Right is ok, Wrong is ok Because without those morons Wrong won't ever be right and right would always be just ok, No exaggeration, no drama, no excitement and no reckless laughter Perfect life! matured machine right? Yeah just growing older little faster Without my anti aging therapists
जिंदगी भी पुरानी phone सी हो गई है अपडेट तो मांगती है, पर space ही नही देती हर रोज कुछ यादें delete करो फिर भी नए पलो को install करने के लिए ये साली Memory insufficient ही रहती है।
मैंने पतझड़ में पेड़ो को अपनी पत्तियों को खोते देखा है मैंने पत्तियों के बिना सूनी टहनियों को देखा है और फिर पतझड़ के बाद उन्ही सूखी टहनियों पर, हरी कोमल पत्तियों को पनपते देखा है बस ऐसे ही एक दिन तुम्हारे जीवन के पतझड़ में भी कुछ कोमल पत्तियां उगेगी, प्रेम, आशा और संभावनाओं के साथ।
मैंने ठहरे पानी को गागर भरते देखा है, पर तुम उफनती नदी बनकर बहना अपना साम्राज्य बढ़ाते हुए, लोगो की छोटी सोच को डुबोते हुए बस बहती जाना, बिना रुके सागर तक क्योंकि तुम गागर के लिए नही, बल्कि सागर के लिए बनी हो।
सोची मां के लिए एक कविता लिख दूं पर कलम ही रुक गई बोली मां तो महाकाव्य है कविता में क्या समा पाएगा? वैसे भी जिसने तुझे लिखा है उसे लिखने के लिए शब्द कहां मिल पाएगा?