बैठे थे गैरो क़ी महफ़िल में हम....
के दीदार वहां भी हमें तुम्हारा हो गया....!-
मुक्कमल कर डालो दो जहां की मोहब्बत
के अब टूटना बस तेरी बाहों मे चाहते है-
आज क्या लिख दूँ तुम्हे.......
आंखों को तेरी सागर लिखूं
यां काजल को तेरे बादल लिखूं
होंठो को तेरे लाली लिखूं
यां सांसों को तेरे इत्र लिखूं
या जुल्फों को काली घटा लिखूं
यां बाहों को तेरे इश्क लिखूं
तुझे कहने को तो बहुत कुछ है
तू बता तुझे क्या क्या और कितना लिखूं-
आंखों में मोहब्बत उसकी बेशुमार देखता हूं
मैं जब भी देखूं उसे पागल बेशुमार देखता हूं
थोड़ी पागल थोड़ी लड़ाकू थोड़ी नक्चड़ी सी है
पर प्यार खुद के लिए उसकी आंखों में बेशुमार देखता हूं
एक रोज हम होंगे हमेशा के लिए एक
बस उस रोज का रास्ता मैं सुबह शाम देखता हूं-
आंखों में तेरी मैने बेसबब बेहिसाब प्यार देखा है
ये आंखे ही तो है जिसमें खुद के लिए ऐतबार देखा है
देखा है मैने इन्हीं आंखों से तेरे दिल में झांक कर
मैने तेरे दिल में छुपा वो अपना नाम देखा है
ये आंखे ही तो इश्क का नशा बन मेरी रूह में उतरी है
इन आंखों की गहराई में डूब कर मैने तुझ में अपना प्यार देखा है-
पूछा फिर किसी ने मुझसे ,क्या क्या तुमने पाया है
हिंदू हूं मैं सुनो अधर्मियों ,हिंदू होने का शोक मनाया है
धर्म धर्म चिल्लाओ तुम ,वो अधर्म करते जायेंगे
आज हिंदू होने की सजा ,हिंदुस्तान में तुम पाओगे
लाल हुआ कश्मीर फिर से ,कहते है वो टेररिस्ट जिनको
बताओ मुझे तुम शियासतो वालों ,तुम हिन्दू कब बन पाओगे
निकलो फिर कैंडल्स लेकर ,अब फिर से तुम चुप रह जाओगे
कहते हो जो हिंदू खुदको ,क्षत्रिय धर्म पर क्या तुम चल पाओगे-
Many many happy returns of the day akanksha stay blessed and happy always
-
मेरी खुशियां जो तेरे आने से है
मेरी रूह में तेरे बस जाने से है
हुआ तो कुछ खास ही होगा
मुझमें मेरा सब तेरे आने से है
बोलूं चाहे चुडैल तुझे
चाहे तुझ से मैं लड़ाई करूं
कसम है मुझको सच्चे रब की
तेरा ही दीदार करूं
मांग ले मुझसे सब दे दूंगा
साथ कभी ना छोडूंगा
दुआ है मेरी जन्मदिन पर तेरे
तुझे मोहब्बत मिले और बेशुमार मिले
Many many happy returns
of the day meri pyaari chudail-
कुछ लोग लफ्ज़ लिखते है कहानी कह कर
कुछ कर लेते है सबर बैमानी सह कर
वो रोज़ कह देते है वक़्त नही हमारे पास उनके लिए
और हम रोज़ एक मौत मरते है उनकी यादों मे रह कर-