किसी ने उड़ते परिंदे को आसमां में मारा,
कमबख्त मुझे इश्क ने बड़े इश्क से मारा।
दूरियों ने मारा मुझको कुछ इस कदर,
जैसे पहली दिदार पर नजरों ने मारा।
सितम मोहब्बत महिना और उनकी बातें,
फिर जालिम की बातों ने बातों से मारा।
नशे में रही तब तक बची रही 'चांदनी'
फिर मुझे उनकी यादों ने याद से मारा।
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