चमकता दिन, चमकती रात, चमकता चेहरा रहे।
तुम्हारे द्वार पर, खुशियों का पहरा रहे।
ख्वाहिशों के दीप, रोज जलते रहें
हर शाम दीवाली हो, उजाला ठहरा रहे।-
मुकद्दर में क्या लिखना है ये मैं जानता हूं... read more
कौन जाने मेरी मोहब्बत, उससे कितनी गहरी है।
अब कोई दस्तक देता नहीं, दिल पे उसकी याद प्रहरी है।
उसे नहीं खबर कि दिल पे क्या गुजरती है
मेरी आवाज उसे खींच लायेगी, वो चाहे जहां ठहरी है।-
उनका कुछ नहीं लगता,मेरा दिल दुखाने में।
उन्हें मजा आता है, मेरी मोहब्बत आजमाने में।
किसे खबर हर पल, क्या बीतती है दिल पर
कलेजा लगता है, आंसू लेकर मुस्कराने में।
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काश! ऐ जिंदगी तुझसे यूं ही मैं मिला करूं।
और हर रोज, फूल सा मैं खिला करूं।
एक रोज फिर ऐसा हो, तेरा हाथ हो मेरे हाथ में
फिर तेरे साथ, मैं कदम बढ़ा कर चला करूं।
तेरा दर्द महसूस मेरे सीने में हो, तेरी आँखों में खुशियां चमकें।
चांद से सुंदर चेहरे पर ,सदा काली सी बिंदिया दमके।
काश कभी ऐसा हो, मैं तेरे घर का बेटा हो जाऊं
और कभी तू मेरे घर आए फिर दुल्हन बनके।
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सब कुछ कह चुके अब और तुझसे क्या कहेंगे।
तेरी याद में यूं ही खामोश बैठे रहेंगे।
हम भी तो जानें, मोहब्बत में दर्द का अहसास
हम हँसते-हँसते दर्द-ए-मोहब्बत सहेंगे।
तू कभी फिर से "ओ जी" कहके बुला
सब कुछ छोड़के बस तेरी सुनेंगे।
मैंने ये जिंदगी तेरे नाम लिखी है
मेरी जान! अब जान तेरे नाम करेंगे।
माना ये जिंदगी, है एक बुलबुला
चल हम इसे मोहब्बत से भरेंगे।— % &-
किसी रोज मिलने आ,अपने यार के खातिर।
तड़प रही है रूह, तेरे दीदार के खातिर।
प्यार कमाना चाहता हूं, प्यार बांटकर में
कभी तू भी मुझे इश्क कर, मेरे कारोबार के खातिर।
मैं प्यार में दिल हार बैठा हूं
तू भी दिल हार जा , मेरी हार के खातिर।
बैचेन दिल और तरस रहे कान,तेरी आवाज सुनने को
कभी तू भी मुझे आवाज दे, मेरे करार के खातिर।
सारी उम्र गुजर गई, तुझे ढूंढने में
खुदा से कुछ उम्र और मांगी है, तेरे इंतज़ार के खातिर।
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गिर रहे हैं मोती, आंखों से कमाल के।
वक्त देगा जवाब, तेरे हर सवाल के।
तेरी यादों में जीयेंगे,और तनहा रहेंगे
तेरा दिल रखूंगा मैं, उम्र भर संभाल के।-
मुझे खोकर ,ढूँढते फिरोगे तुम।
मैं वो मोती हूं जो तुम्हारी आँखों में बसता है।
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सखी! ये तुम भी जानो, कौन,किसे,कब अच्छा लगने लगता है।
सखी! एक लड़का तेरी यादों में डूबा रहता है।
सखी! यूं ही नहीं हुआ मैं पागल
सखी! लगता है तूने कोई मंतर मुझ पर फेंका है।-
हमारी मोहब्बत की कई कहानी हैं।
झूठ बोलने की उसकी आदत पुरानी है।
हकीकत में वो मेरी ही मोहब्बत थी
हकीकत ये वो किसी और की दीवानी है।
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