वो एक वक्त था जो अब बीत गया..
हुनर पे उम्र का दायरा फिर जीत गया
हर एक शख्स देखो आज रुठ गया..
जब खेल इस खिलाड़ी से छूट गया।
Finally helicopter landed..
No light,No camera..
No action,No farewell..
Still.. Dhoni finishes off in style.
We will surely miss you..
Mahi❤
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ये जो हस्ती आंखों में दर्द है..
नया जख्म ही इस पुराने वाले का मर्ज है।
जिंदगी तो बिखरती बनती रहेगी...
चेहरे पर प्यारी मुस्कान..
बस इतना इस काफ़िरे का फर्ज है।-
ये जो आपकी हस्ती आंखों में दर्द है..
नया जख्म ही इस पुराने वाले का मर्ज है।
जिंदगी तो बिखरती बनती रहेगी...
चेहरे पर प्यारी मुस्कान..
इतना ही बस इस काफ़िरे का फर्ज हैं। 😊-
कोई फैशन तो कोई कोरोना के डर को ऑंखते हैं..
हर शख्स आज देखो मास्क के अंदर से झांकते है।
मास्क तो एक बहाना है..
बीते कुछ वाकिये से हर इंसान ने खुदसे यही कहा।
असल बात तो ये है की..
इंसान कुदरत को मुँह दिखाने लायक नही रहा।
#savenature..
#humanity
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सरकार जुटी हैं अपने काम मे..
तुम चंद पल सब्र दिखाया तो करो।
मौते बिछाई हुई हैं हर कदम पर..
बाते अब तो इंसानियत की किया करो।
सियासती दाव तो चलते रहेंगे...जंग जिंदगी की चल रही हैं यहां..
फिलाल फरिश्ता बन उन्हें तुम बचाने की तो कोशिश करो।
Note-
Not a 'अंधभक्त'
Just an young boiling 'रक्त'
Trying to fight against dificult'वक्त'-
जब मिलेंगे तो रात खुली हुई होंगी..
रास्ता साफ और मंजिल फिर से मिली हुई होंगी।
तब रखेंगे एक मुलाकात फिर उसी जाम के नाम
जीती गयी जंग.. और काबिल-ए-तारीफ इस काम के नाम..
तो तब तक..
माना कि रास्ता थोड़ा बड़ा हैं
पर आप जिंदगी जीने का हौसला कीजिये..
दरखास्त सिर्फ इतनी सी हैं कि
की आप घर मे रहने का फैसला कीजिये।।
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माना कि अब उतना नशा
उस जाम में न होगा..
महफ़िल में होने वाली गुफ़्तगू का
पहले जैसा अंजाम न होगा।
पर कुछ फैसलो को वक्त पर छोड़ देना पड़ता हैं..
मन ना भी हो तो अलविदा बोल देना पड़ता हैं।
यह वही घड़ी वही पल वही लम्हा हैं..
हम अपने ही अपनो से आज देखो तन्हा हैं।
पर यकीन मानिए यह पल भर की ही दूरी हैं..
जो हमेशा संग रहने के लिए आज जरूरी हैं।
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हार का डर नही लगता मुझे अब
कही हारे सिकुड़ कर बैठी हैं जहन में
अब बस अपनी ही मस्ती में चलता हूँ।।
मेरी इस मस्ती को देख
कुछ लोग जलते है कुछ चौंक जाते हैं,,
कुछ चौकी कुछ जलती नजरो को देख हल्का सा मुस्कुराता हुन..
हा में तन्हाई में जीता हुन।।
चलता हूँ,दौड़ता हु ,गिरता भी हुन।।
जवाब दे देती हैं कभी कभार ज़िन्दगी।।
कहती है यही वह मुकाम हैं ,
बस अब चैन से रुक जा यहां
पर अब रूक कर भी क्या करे
भूल गया हूँ जिंदगी की कशमकश में खुदको
अकेला रहता हूँ तो ख़यालों से घिर जाता हूँ
अनसुलझे अनगिनत से वो खयाल परेशान से करते हैं
इसलिए में फिर अपने आप को थोड़ा उलजा लेता हुन
हा में तन्हाई में जीता हुन...
हा में तन्हाईओं में जीता हुन,,
प्यारी हैं मुझे मेरी तन्हाई
क्योंकि।।।
मतलबी इस दुनियां में कभी
रंग नही बदलती।
मिट भी जाउ तो भी
कफन में भी साथ नही छोड़ती-
तन्हा..
लोक कहते है खुदगर्ज हुन ,
जरा गौर करो इन आँखों में,
कही तबाही के मंजर देखे हैं इन्होंने।।
नमी नही गुरुर हैं जो की जमाने की ही सिख है।।
अब उसी गुरूर को सीने में पालता हुन
हा मैं तन्हाई में जीता हु।।
सहमा हुआ उठ जाता हूँ ख्वाबों से कभी,,
तकलीफे देता हैं सपनो का वह भयानक मंजर
देता हूँ फिर उन यादों को जहन से निकाल
ढल जाता हूं काम के बोझ के नीचे
लम्हों को भूलने के लिए,तकलीफों को सिमटने के लिए,,
उन हादसों से में आज भी डरता हुन।।
हा मैं तन्हाई में जीता हुन।।
आवारा हुन और अकेला सा चलता हूँ
मतलब ये नही की गूम गया हूँ जमाने की चकचोन्द में।।
बस ख़ामोशी में रहने की आदत सी पड गयी है
प्यारी हैं खामोशी मेरी मुझे।।
अब उसी ख़ामोशी का जायजा लेता हुन।।
है मैं तन्हाई में जीता हुन ।।
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Maturity...
It is in giving freedom to those who want to get away from you and your created situation which threaten their peace of mind, self-respect, values, morality and self-worth…-