तुमसे,
रूठा थोड़ा कम करा करो,
बार बार सास रुकती हैं, तो दर्द बहुत होता है।-
मेरे अपनों ने भी मेरा साथ न दिया,
तुम क्या गए सब को पराया कर गए,
इस खोखली सी दुनिया मैं,
कोई नही है मेरा,
इस बात को पढ़ा के चले गए,
मेरी झूठी खुशाल जिंदगी को बंजारा कर गए,
झूठे ही सही एक सहारा तो था,
अब तो तुम हमारे सपनो को भी तुम जैसा कर गए।
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तुम्हे छू कर देखा था कभी,
अब खुद से घिन आती है,
तुम्हारे हर धोखे मैं,
खुद की गलती क्या थी,
मेरे आंखों मैं एक प्रशन छोड़ जाती है।
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विशवास चाइए,
पूरी जिंदगी मेरा साथ निभाओगे ये एहसास चाइए,
मुझे दर्द सहेना नही मुस्कराना सिखाओगे,
मुझे मोहबात नही,
विश्वास दिलोगे।-
संभालते संभालते सबको टूटते जा रहे है हम,
रोज़ रोज़ थोड़ा थोड़ा बिखरते जा रहे है हम,
न जाने कब ये सिलसिला खत्म होगा,
हमें संभालने वाला हमारे संग होगा,
सुकू से सोयेंगे उस दिन,
कही वो दिन चार कंधों पर तो नही होगा......-
जो मुस्कराती हुई आती है,
प्यार से अपना हाथ धाम संग ले जाती है,
सच मानो तो यही एक है,
जो आने से पहले बहुत डराती है ,
पर यही है जो सच्ची दोस्ती निभा,
सब आंसू पोंछ हमारा साथ निभाती है।-
गम नही हमे,
पर तुम्हारे झूठ को प्यार समझने का गम,
आज भी लिए बैठे है।-