चलो उठा लो आज फिर झंडे , मिल चुकी है जो हमें आजादी हैं
पर अपने अंतर्मन से एक बार पूछो तो सही , कि असल में क्या ये वही आजादी हैं,
जिसे लाखों वीर जवानों ने अपनी जान गंवाकर कमाई हैं,?
पर क्या हम सब मिलकर कर पाए हैं उनकी थोड़ी सी भी भरपाई हैं !
क्यों नहीं बदला जा सकता संविधान जो बेटियों का इंसाफ नहीं कर सकता,
देश की अस्मिता कोई छोटा मोटा मुद्दा नहीं कि कानून नहीं बदला जा सकता !
क्या हमारा संविधान अब खतरे में नहीं क्या, कि हम सब मूकबधिर बन कर बैठे हैं !
हो जाएगा थोड़े दिन सड़कों पर हंगामा, social media पर स्टोरी का सिलसिला,
पर आखिर कब तक सब चुपचाप सहकर बैठे हैं !
सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश को , क्यों होने दे रहे हम इस गंदगी से बदनाम,
अब भी समय है बना सकते सब मिलकर *मेरा भारत महान* !
चलो साथियों उठो , मत जाने दो तुम उन कुर्बानियों को बेकार,
देश , देश का दुश्मन न बने , चाहे उठाना पड़े तुम्हे इसके लिए हथियार !
शासन और प्रजा दोनों को मिलकर एक एक कदम बढ़ाना होगा, तभी होगा आजादी का वो लक्ष्य साकार,
फिर जब जब तिरंगा लहराएगा , देखकर होगा मन में हर्ष अपार !!
🇮🇳🇮🇳 *७८वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* 🇮🇳🇮🇳
-CA Pragya Shishodiya Jhamar-
हर मां के सब्र का,
इम्तिहान हैं CA !
हर पिता की खामोशी का,
परिणाम हैं CA !
महज बस उपाधि नहीं,
सर उठाकर चलने की अदब हैं CA !
फ़कत दो अल्फाजों के लिए,
जीने का सबब हैं CA !!
!! *Happy CA Day to all* !!-
भीलवाड़ा में अब गीदड़ नहीं *शेर* चाहिए !
हाथों में फूल नहीं, रोड़ पर अब *रोलर* चलना चाहिए !
देखना चाहते हो अगर *भीलवाड़ा* को फलता फूलता ,
तो भीलवाड़ा को अब *नंबर 7 🚜 पर विजय* चाहिए !!
*सोचना आपको हैं, समझना आपको हैं, भीलवाड़ा की खुशनसीबी अब आपको तय करनी है* !!-
काश ये स्वाधीनता दिवस कुछ ऐसा आए
कि....
मेरे हिन्दुस्तान की बेटियां अब महफूज़ हो जाए ,
बलात्कार के दोषियों को मौका-ए-वारदात सजा-ए-मौत का अब ऐलान हो जाए !
नफरत और आतंक काश अब खत्म हो जाए ,
जाति द्रेष का बंधन काश अब खो जाए !
काश हर हिंदू *विवेकानंद* सा हो जाए ,
काश हर मुस्लिम *कलाम* सा हो जाए !
काश हर राजनेता अपनी राजनीति से थोड़ा ऊपर आए ,
काश इंसान को इंसान का दर्द समझ आए !
जान पर जान जा रही हैं , चीख पर चीख गूंज रही हैं,
काश कुछ तो लगाम इन चीखों पर अब लग जाए !
काश अब तो एक ऐसी आजादी आए ,
काश अब ये आजादी का अमृत महोत्सव कुछ ऐसा रंग दिखाए !!
🇮🇳🇮🇳 !! *स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* !! 🇮🇳🇮🇳-
🎓 CA 🎓
*CA* मेरे लिए केवल दो शब्द नहीं , मेरे वजूद का वों पहला सम्मान हैं ,
जुड़ा जिससे मेरे पापा का अभिमान और मेरी माँ का इम्तिहान हैं !!
#CA_Day 🎓❤️
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नारी किसी एक दिन के सम्मान की मोहताज नहीं
वो खुद एक *सम्मान* है , शायद अभी तक जमाने को इसकी पूरी पहचान नहीं
अरे ! अपना वजूद भुलाकर , उन्होंने हर किरदार को बखूबी निभाया
वो स्त्री ही हैं जनाब , जिन्होंने हर मकान को घर बनाया !!
❤️🫅 !! *अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* !! 🫅❤️
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दर्द इनके दिल में भी होता है पर कभी बोला नहीं जाता
ये किताब का वो आखरी पन्ना है जो कभी खोला नहीं जाता
बेटा ,भाई , पिता ,पति - हर रिश्ते में इनकी जिम्मेदारी है
पर यह किसी को नहीं जानना कि ये किसकी जिम्मेदारी है
रोना - दर्द महसूस करना , इनके पुरुषार्थ पर कभी जचता नहीं
सबको खुश रखने की भागमभाग में , मुस्कुराते हुए सब सहता यहीं
माना स्त्री पुरुष बराबर हैं , पर हर स्त्री का यही विश्वास हैं
मानो या ना मानो इनके होने से हर घर में एक आस हैं
आज भी कुछ ऐसे निशान हैं , जहां कुछ लोगो की वजह से ये बदनाम हैं
हर स्त्री को समझना होगा कि , इन्होंने किया कितना कुछ हम पर कुर्बान हैं
सुनो पुरुषों , ऐसा नहीं है कि तुम्हें अपने गमों को छुपाकर रखना होगा
*मर्द को भी दर्द* होता हैं , ये तुम्हें जमाने को बताना होगा !!
!! *अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* !!-
किसी ने ताने दिए , तो किसी ने प्यार से समझाया ,
किसी ने चुनौतियो दी , तो किसी ने विश्वास दिखाया !
किसी ने अक्षरों का ज्ञान दिया , तो किसी ने रिश्तों से मिलाया ,
किसी ने बारीकिया बतलाई , तो किसी ने दुनिया से मिलवाया !!
और इसी तरह जिंदगी के हर मोड़ पर हमने ,
किसी न किसी शिक्षक को पाया !
भविष्य उज्ज्वल बनाना कुछ हमारे हाथ में भी था ,
बाकि उन्होंने अपना फर्ज बखूबी निभाया !!
!! *विश्व के तमाम शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* !!-
भारतीयों की पहचान तिरंगा
मजहब से परे हर घर तिरंगा
शहीदों , जवानों को सलाम तिरंगा
आज हर घर घर तिरंगा , काश हर मन भी तिरंगा हो जाएं ,
तिरंगे के जो ये तीन रंग हैं - केसरिया , सफेद और हरा...
काश.. मेरा मुल्क भी इस कदर हो जाएं ,
केसरिया और हरा के मध्य बस सफेद हो जाएं !
#आजादीकाअमृतमहोत्सव 🧡🤍💚
#हर_घर_तिरंगा_हर_मन_तिरंगा 🤝🇮🇳
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सदियों पूर्व एक चैत्र शुक्ल त्रयोदशी ऐसी आयी , कि कुंडलपुर में बजी अलग ही शहनाईं ,
माँ त्रिशला के आँगन में खुशियाँ छायी , मेरे भगवन जन्म की बेला कुछ ऐसी ही आईं !
ग्वाला के कीलों को जो सह गए , अब तो क्या ही महिमा मैं उनकी गाऊँ '
जिनशासन का जो मान बढ़ा गए , एक छवि उनकी फिर यूँ दिखलाऊँ -
अहिंसा से सबके दिलों को वों जीत गए , सत्य की सीख़ हमने उनसे पाईं ,
*वों* तो सबको मिलाकर गए , फिर क्यूँ हम अलग अलग है भाईं !
जियो और जीने दो का है जो नारा , जरूरत है इससे गूँजे अब विश्व सारा ,
जीव हिंसा का जो परिणाम देख रहा ये जग सारा , अब तो समझों तुम अहिंसा की धारा !
छोड़ों श्वेताम्बर, दिगम्बर,22-13, स्थानक,मंदिर , हम तो जिनशासन के एक ही हैं भाईं ,
हों ! *महावीर जन्मकल्याणक* की लाख़ बधाईं ,आओं मिलकर बटोरें एकता की एक ऐसी परछाईं !!
💐 !! *श्री भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं* !! 💐-