जिस तरह दो रंग मिलकर नए रंग का निर्माण करते है। उसी तरह ,आपकी मेहनत, भाग्य और भगवान की कृपा मिलकर, सफलता के नए रंगों से आपकी जिंदगी का हर कोना रंगीन कर दें।
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थोड़ा हॅसने, थोड़ा रोने के लिए लिखता हूँ।
जनता हूँ को... read more
कहाँ आ पाता है कभी कोई फिर लौट कर ?
दोबारा कभी पत्ते जुड़े है,पेड़ से टूटकर।— % &-
अगर आप खुद को,
खुश नहीं रख सकते है ,
तो आप दूसरों के लिए,
एक बोझ होगें।-
राधिका की पीड़ा तो फिर भी,
आँसुओं से कही जा सकती है।
किंतु कृष्ण की व्यथा तो सिर्फ ,
मौन से ही व्यक्त की जा सकती है।-
सच तो ये है की, रोता है वो आसमाँ,
कोई बरसात को क्या, समझ पायेगा ।
जिसने समझी नहीं मेरी खामोशियाँ,
वो मेरी बात को क्या, समझ पायेगा।-
आपने तो हमसे कभी कोई प्रश्न नही किया ,
पर मेरा एक प्रश्न है ,क्या मैं कुछ पूंछ सकता हूँ ?
आपका जन्म और मृत्यु आज ही हुई थी,
अब मैं मृत्युदिन मनाऊँ ,या जन्मदिन?-
जिंदगी के साथ पैदा हुई मौत भी जिंदगी को जीतने में औसतन 60 वर्ष लगती है। और कुछ लोग, कुछ वर्ष सफलता न मिले, तो हार जाते है। जिंदगी में अगर जीतना है, तो मौत की तरह उसके साथ लगे रहो, जिसे जीतना है।
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रंग मौसम का जुदा था पहले ,
ये पेड़ कितन हरा था पहले।
मैंने तो बाद में तोडा था उसे ,
आइना मुझपे हँसा था पहले।
बाद में मैंने बुलंदी को छुआ ,
अपनी नज़रों से गिरा था पहले।-
कुछ लोग "कुछ गलत,कुछ सही" में जिंदगी जीते हैं।
कुछ लोग "सब सही" में जिंदगी जीते है
कुछ लोग"अब कुछ नहीं" में जिंदगी जीते है,
कुछ लोग "सब यहीं" में जिंदगी जीते है।
मैं तो बस इतना जानना चाहता हूँ कि,
क्या लोग सही में जिंदगी जीते है?-
चंद कागज़ के टुकड़ों के लिए बिक जाते है इंसान,
फिर भी कोई कह रहा था कागज़ कमजोर होता है।-