अजीब जगह हुँ मैं, सबके साथ मौजूद हुँ यहाँ, और खुद के साथ, एक अलग दुनिया मे..!!! शांत चेहरा के साथ, चित बेचैन अंदर से, ना कुछ पाने की तमन्ना बची हैं, ना कुछ करने का हिम्मत...!! शायद थोड़ा सा मर रहा हूँ मैं... शायद चंद खुशनसिबो की श्रेणी से निकल रहा हूँ मैं, शायद कुछ अलग सा, कुछ नया सा बन रहा हूँ मैं..!!