तेरा होना है, जैसे बाग में एक खूबसूरत सा गुलाब
तेरा होना है, जैसे मेरे हर सवाल का जवाब-
New Id 😊 chirag varshney
Birthday : 10 November
Mohobbat kya hai?
Ek tarasta hai to dusre ko fikar tak nahi
Dil me wo shakhs hai magar zuban pe ziqr tak nahi
Pa lene ki koshish hai magar pa lena nasib me nahi
Har shakhs kehta hai zeher hai magar pi lene me koi hazr tak nahi
Har mohabbat ki ye kahani hai ek tarasta hai to dusre ko fikar tak nahi 💔🥹-
कुछ धागे जो बने थे अंजाने मे..
कुछ पल जो साथ बिताए थे अंजाने मे...
न वो पल साथ रहे अब...
न वो धागे साथ रहे अब...
न जाने क्यों दिल अब भी जलता है..
न जाने क्यों अब भी बेचैनी है...
कोशिश लाख की थी लब्जों को यूँ न लिखूँगा अपनी कलम से...
पर न जाने क्यों हाथ रुके नही...
कल तक जो साथ थे आज वो साथ रहे नही...
दर्द लिख रहा हूँ खुद का...
जो खुद को पाने के लिए जिये थे वो पल साथ रहे नहीं...
जो मेरे अपने है कहते थे वो अब साथ रहे नहीं...
जो पल कुछ खास थे वो अब साथ रहे नहीं..
सोच रहे हैं भूल जाए कुछ पल जो खुशी के थे...
पर हमे बीमारी भी तो नही भूलने की...
दर्द न जाने की खत्म होगा ये भी नही पता...
अगर हो सके तो लौट आना.. मेरे खातिर न सही...
अधूरे प्यार की खातिर..
अधूरे वादों की खातिर..
अधूरे सपनो की खातिर...
अधूरे सफर की खातिर..
अधूरे हमसफर की खातिर...
टूट गए हैं हम हो सके तो संभलने की खातिर..
अधूरे प्यार की खातिर...
I am always waiting for you..-
Note : 6
किस रुई से बने है, न जाने किस सुई से सिले है ये कुछ धागे हम सब के अहसास के। संबध कभी भी सबसे जीतकर नहीं निभाए जा सकते संबंधो की खुशियाली के लिए झुकना होता है, सहना होता है दूसरों को जिताना होता है खुद को हराना होता है। किसी के चेहरे पर मुस्कान देख कर यह मत मान लीजिए कि उनकी ज़िन्दगी में सब कुछ ठीक-ठाक है, उनके चेहरे से ये सीखिये कि कैसे उन्होने जीवन की चिंताओं से लड़ना सीख लिया है !!-
तपते जेठ की दोपहर झेलता है, पूस के रात की मार झेलता है
हार नही मानता मेरे देश का किसान, साहब वो मौसम की जात देखता है
बंजर भूमि को हरा देखता है, अपने कंधों को मजबूत देखता है
यू ही नही उठाता सारे देश का भार ये जन जन का पेट देखता है
खुद कुछ खाये ना खाये, मगर अपनी शान देखता है
होता नही कभी खुद से निराश ये फसलो मे अपनी जान झोंकता है
सब का पेट भरकर के खुद पानी की बूँद देखता है
अपने पानी की उसी पसीने की बूंदों से ये देश सींचता है
और बैठे सियासत के लोग मोहरे बिछाकर उसे लुटाता है
ये मेरा देश का किसान है साहब ये सब सह के भी मात देता है-
Note : 5
वर्तमान समय में एकाकी जीवन शैली कुंठा का एक प्रमुख कारण है। जब हमारे आसपास सुख - दुःख बाँटने के लिए कोई नहीं होता तो वहीं से हमारा मन कुंठाग्रस्त होने लगता है। केवल असफलता ही कुंठा का कारण नहीं होती अपितु वो सफलता भी कुंठा का कारण होती है, जिसमें हमारा कोई अपना प्रशंसा करने वाला नहीं होता है। जिस परिवार में लोग एक दूसरे के सुख-दुःख में सहभागी होना जानते हैं वह परिवार कुंठा मुक्त, अवसाद मुक्त एवं खुशहाल होता है। अवसाद से बचना है तो परिवार के लोगों और मित्रों के साथ समय व्यतीत कीजिए। एक दूसरे के साथ मिलकर मुस्कुराइए, अपना सुख-दुःख बाँटिए, नहीं तो जीवन में पैसा तो बहुत रहेगा लेकिन प्रसन्नता चली जाएगी...!!-
भले ही तूं मेरी जिंदगी ले लेना
अपनी मुंह दिखाई में मेरे महबूब.....
लेकिन मेरे दिल की ख्वाइश है कि
तुम एक बार आओ तो सही
मेरी ❝ दुल्हन ❞ बनकर..!!-
राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है
बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है-