किस्मत मैं जो नहीं
उनसे रूठा नही करते
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मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है
दुखों का एक एग्रीमेंट था और मैं ठहरा अनपढ़
मैंने हर पन्ने पर साइन कर दिए
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अकेले होने पर भी भीड़ का अनुभव अज्ञानता है,
भीड़ में भी एकांत का अनुभव ज्ञान है!
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और उसे पाने की इतनी जल्दी थी मुझे की
मैंने उसे जल्दी-जल्दी में खो दिया
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कहों तो डूब के देखूं गुनाह कुछ कम नहीं मेरा
इश्क़ किया था तुझसे तुम्हें मालूम तो हैं ना
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