जिनको घाव के भी स्वाद आने लगे
उनको दवाई कहा पसंद आती है ।।
जिस कलम ने क्रांति चख ली
वो कलम भी भला कहीं खरीदी जाती है ।।-
©_अग्नि लेख
(अग्नि लेख)
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Engineer
Joined 2 April 2020
2 MAY 2021 AT 21:39
2 JUL 2020 AT 16:06
एक वही था जो जिंदा था ,
बाकी सब तो मर चुके हैं ,
जिस्म से रूह तक सड़ चुके थे।
एक वही था जो रूह कमाता था ,
बाकी सब तो जिस्म के व्यापार में,
कौड़ियों के भाव बिक चुके हैं ।
-
30 JUN 2020 AT 16:21
The candle of
hope is dying out .
Mind is full of
stupid thoughts.
My efforts seems
to be a blunder .
There is a voice
which keeps saying
"surrender".
Full piece in Caption 👇-
29 JUN 2020 AT 11:29
टूट गया अगर तो "मनोबल" किस काम का ,
हार गया खुद से तो "आदमी" बस नाम का ।
कर्म करता जा जीवन जी जाएगा ,
जीते जी क्या ,
मरणोपरांत भी नाम ही कमाएगा ।-