Bushra Khan   (Bushra ✍️)
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Joined 29 January 2019


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YESTERDAY AT 0:27

मेरी आँखों को देख कर एक साहिब-ए-इल्म बोला,
तेरी संजीदगी बताती है तुझे हंसने का शौक़ था..!!!

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1 MAY AT 3:39

हम जिनके अफ़साने पढ़ कर रो देते हैं,
हाए उन किरदारों पर क्या गुजरी होगी..!!!

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24 APR AT 0:32

घड़ी उतार कर रख दी मैंने,
वक़्त…हर शख़्स की औक़ात दिखा रहा था..!!!

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19 APR AT 14:32

मुद्दतों बाद जो देखीं उस ने हमारी ख़ुश्क आँखें,
फिर ये कह कर रुला गया लगता है संभल गये हो..!!

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10 APR AT 19:34

कोशिश करें सुकून का ताल्लुक़ किसी शख़्स से ना हो..!!

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10 APR AT 9:52

किस तरह से सदा लगाऊँ कि,
वो मेरे हिस्से में डाल दे तुमको..!!!

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5 APR AT 22:23

चाँद आसमान का हो या ज़मीन का,
कौन बाज़ आता है उँगलियाँ उठाने से..!!

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3 APR AT 17:40

कलियाँ सूख गयीं, फूल मुरझा गए,
तुम्हारा जाना मुझे बे रहम कर गया..!

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3 APR AT 11:59

धड़कता था कभी,
अब काँपता है दिल..!!

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3 APR AT 11:56

मुनाफ़िकों को बड़े क़रीब से देखा है मैं ने,
यक़ीन मानो बड़े ही बा अदब होते हैं..!!!

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