Bushra Khan   (Bushra ✍️)
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Joined 29 January 2019


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18 HOURS AGO

दूसरी बारिश में मिट्टी की महक नहीं होती,
और पहली बारिश बीमार कर देती है..!!!

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4 AUG AT 13:43

पत्तों ने जब भी रंग बदला,
गिरे हमेशा ज़मीन पर ही हैं..!!

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1 AUG AT 12:05

हमको तल्खियों ने चुना ख़ुद के लिए,
हम ने हादसों की लाज रखी, शुक्र किया..!!

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30 JUL AT 10:17

दो ही करवटें हैं,
और दोनों तरफ़ बेचैनी है..!!

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28 JUL AT 10:44

ना जाने कौन सा ग़म है,
जो हर ख़ुशी पर हावी है..!!

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27 JUL AT 17:53

सुना है और कोई भी तेरी दीवानी है,
अगर ये सच है तो उसकी जान जानी है,
मैं बेवक़ूफ़ जो तेरे सिवा किसी की नहीं,
तू अक़्लमंद तेरी सब पे मेहरबानी है..!!!

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25 JUL AT 12:22

भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे,
हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं..!!

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25 JUL AT 10:46

रोज़ करते हैं थक थक के मरम्मत अपनी,
रोज़ कोई नया नुस्ख़ निकल आता है मुझ में..!!

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25 JUL AT 10:44

कुछ लोग हमारे पास तसल्ली देने नहीं आते,
बल्कि तसल्ली करने आते हैं कि हम वाक़ई तकलीफ़ में हैं…!!

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24 JUL AT 22:25

तुम तसल्ली ना दो,
सिर्फ़ बैठे रहो….
वक़्त कुछ,
मेरे मरने का टल जाएगा..!!!

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