तुम चिंता मत करो,
मेरी शादी हो जाएगी।
अरे आंटी! कल तुम्हारी बेटी,
रमेश के साथ भाग जाएगी।
दूसरों का पूछना छोड़ो,
खुद का सोचो ।
दुनिया की परवाह करना छोड़ दो,
पहले अपनी परवाह करो।-
रूठो ना तुम मुझसे,
यह वक्त का मारा है।
रूठो ना तुम मुझसे,
यह वक्त का मारा है।
कल किसके साथ क्या होगा
सिर्फ यह करोना ने जाना है।-
अब जात पात नहीं,सब एक है।
कहते भी बहुत है।
अब बड़ा छोटा नहीं,सब एक है।
कहते भी बहुत है।
अब काला गोरा नहीं,सब एक है।
कहते भी बहुत है।
अब लड़का लड़की नहीं,सब एक है।
कहते भी बहुत है।
अब चल कपट नहीं,सब एक है।
कहते भी बहुत है।
पर करते तो वही है,
जो विचार उनके ओर है।
कोई ना बदला इन्हें,
कोई ना बदलेगा।
बनावटे लोग है,बनावटि सोच है।-
तू तू है, मैं मैं हूं
ना तुझसा कोई यहां, ना मुझसा कोई यहां।
पर क्यों है यह भेदभाव
वह काला रहने का और
वह गोरा बनने का।
वैसे तो मरने के बाद
शरीर भी साथ छोड़ देता है।
फिर भी क्यों है
रंग रूप का लालच मन में।
वह आगे बढ़ गया, मैं पीछे रह गया
वैसे तो मरने के बाद
ना कोई तेरे आगे, ना कोई तेरे पीछे।
तू तू है, मैं मैं हूं
ना तुझसा कोई यहां, ना मुझसा कोई यहां।-
एक नया दिन, एक नई शुरुआत
कुछ पाना है तो, कुछ खोना है।
कहने दो जो कहना है उनको
उनको कुछ करके दिखाना है।
उनकी बोलती, बंद करवाना है
लेकिन, हार नहीं मानना है।
आने दो उस तूफान को
अब डट के सामना करना है।
हार हो या जीत,
अब किसी से नहीं डरना है।
एक नया दिन, एक नई शुरुआत
कुछ पाना है तो, कुछ खोना है।-