वक्त की मेहरबानी हैं
ये ज़ख्म
और गम की निशानी हैं
ये मुस्कान-
गुजरता वक्त गुजरती जवानी
बस मलाल है ए ज़िंदगी
कब बदलेगी तू मेरी
कहानी
सादगी चेहरे पर
मुस्कराती हर महफिल
कभी तो ज़िंदगी किसी चौराहे पर
मिल-
कुछ तो नशा हैं
तेरे किरदार में
तेरी ही माथे की बिंदी हैं
शायद इस श्रृंगार में-
न टूट अभी मैं
न बिखर कहीं हूं
न खोया किसी वादियों में
मैं ठहरा वही हूं
उसी रास्ते पर
है मंजिल अभी दूर
गिरता संभालता चलूं मैं-
वक्त के बाद मिले साथ की
बुरे वक्त में मतलबी यार की
टूटे दिल में बेवफा प्यार की
जरूरत नहीं रह जाती-
तेरे ही ख्याल में खो जाता हूँ
श्यहीँ से कलम भींगो कर
कुछ अल्फ़ाज़ लिखता हूँ
कुछ में डूब जाता हूँ
तेरा होकर 😍-
जहाँ इज्जत ना हो
उस गली मे जाना नहीं
और जो ना समझे
जज्बात तुम्हारी :-(
उससे दिल लगाना नहीं-
मैं हाथ में तिरंगा लेकर घूमूँ या ना घूमूँ
मेरे दिल में तिरंगा पूरे साल लहराता हैं
धुँआ-धार नारेबाजी का मुझें शोक नहीं
सर ऊचां करके जय हिंद जय हिंदू बोल देता हूँ
मन रोम-रोम फुल्कित् हो जाता हैं-
हम ख़ुद जोकर का
किरदार रखतें हैं
सीने में हजारों
दर्द छुपाकर
चेहरें पर
मुस्कान रखतें हैं-