इस शहर में मेरा अलग मुकाम होगा
मेरे आसमा में मेरा अलग चांद होगा
तुम माँगना तुम्हारी ख़्वाहिशै टूटे तारों से
मेरी दुनिया में उन तारों का अलग आकाश होगा-
Jaha mere alfaaz de mere ishq ki gawaahi
Samjh lena ye ishq mere hak ka hai...-
Jahaan ke Shor me agr tujhe sun jaai mere dil ki aawaz samaj lena hamara ishq qabool ho gya hai...
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बीते कल से बेहतर हो कहानी मेरी कुछ,
किरदारों को मैंने पिछले पन्नों पे छोर दिया है-
जिंदगी बेहाल हैं हाल तो किसी को बताना तो है नहीं..
मुझे सिर्फ सफर पे निकलना है मंज़िल तक तो जाना हैं नहीं...
रास्ते का हाल बुरा है किसी को साथ तो आना है नहीं..
अब क्या करोगी प्यार कर के मुझे तुम से इश्क निभाना तो है नहीं....-
तुम्हें बताना चाहूँगा जज्बातों की कीमत तुम्हारी...
पर पन्नों पर आएगी नहीं बातें सारी..
चंद पलों में तुम मेरा हिस्सा हो गईं ना जाने
कैसे बिता वक्ता तुम मेरा किस्सा हो गई...
जहाँ कोई नहीं पोहचा ...?
उस जगह पर मैने तूझे रख लिया है
आशा करता हूँ तुम सम्भाल पाओगे डोर हमारी..
कभी मंदिर-मस्जिद में माथा नहीं टेका लेकिन
तेरे लिए मांग लूँ में दुआ सारी...
कह दे खुदा की मैंने अब तक किसी नेक
बन्दे को बनाया नहीं में कह दूँगा तूँ इस कायनात
में अभी उससे मिलने आया नहीं..
मेरे अन्दर एक शोर मचा है जैसे दिल के
खिड़की दरवाजों पर ताला लगा है उस
सन्नाटे को तोड़ ने वाली बातें तुम्हारी...
अब और क्या लिखू बिन तेरे फिक्की है
एक कप चाय हमारी और हाँ तुम हो
बोहोत प्यारी..
zunera hasnani
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चैन से सोने पे सुकून कहा मिलता है आज कल,
8-10 घंटे की नौकरी को ही आराम समझ लेता हूँ...-
रहने दे उधार थोड़ा चाहतों का तुझ पर ये कर्ज जाने अनजाने मेरी याद दिलाएगा..
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हाथ देकर माँग लेता साथ उसका पर उसने मुझे छोड़ना बेहतर समझा....
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कभी मेरी उदासी पे वो खुद की हँसी लुटा देता
था आज कल वो चुपी भी समझता नहीं..-