बस यूं ही..   (कुँ.अभिषेक प्रताप सिंह)
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कोशिश करता हु अपनी लिखावट से आपके दिल को छू पाऊं!!

सनातन सर्वोपरि 🌸🚩
जय श्री राम 🚩
Joined 11 March 2020


कोशिश करता हु अपनी लिखावट से आपके दिल को छू पाऊं!!

सनातन सर्वोपरि 🌸🚩
जय श्री राम 🚩
Joined 11 March 2020
29 OCT 2024 AT 2:40

मुलाक़ात हो तो तुमसे हो
जो बात हो तो तुमसे हो
गर कुछ रह भी जाए छोटी सी मुलाक़ात में

राज़ की बात हो तो तुमसे हो....
इश्क़ हो तो तुमसे हो
इजहार हो तुमसे हो
प्यार हो तो तुमसे हो
गर कुछ रह भी जाए छोटी सी मुलाकात में
मुझे प्यार हो
तो तुमसे हो !!

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19 DEC 2022 AT 23:52

कागज के फूलों का इत्र
तुम और तुम्हारा इश्क़
दोनो बनावटी !!

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20 OCT 2022 AT 22:31

मेरा दिल बेचने चला है कबाड़ के भाव तू
याद कर वो गुजरा ज़माना जब
ये तेरा ही आशियाना हुआ करता था... 💔

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6 OCT 2022 AT 12:00

.......

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29 SEP 2022 AT 22:27

पानी से भरी आंखें लेकर यार वो शक्श मुझे घूरता ही रहा,
आईने में खड़ा वो शक्श यार परेशान
बहुत था 💔

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11 AUG 2022 AT 1:36

मेरे अल्फ़ाज़ अब वो नहीं समजता
मेरे जज़्बात अब वो नहीं समजता ॥
सुनता है सारी बाते ध्यान से मगर
मेरे ख़यालात अब वो नहीं समजता ॥
देखता भी नहीं इक नज़र मुझको की ।
मेरे हाल - ए - ज़ार अब वो नहीं समजता ॥
आन पहुँचा हूँ ज़वाल पर अपने और ।
मेरे हालात अब वो नहीं समजता ॥

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30 JUL 2022 AT 9:28

कुछ रिश्ते दरवाज़े
खोल जाते है
या तो दिल के
या आंखों के।।

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23 JUL 2022 AT 15:35

परी नहीं आयी । कमरा नहीं खुला । खुली सिर्फ़ वो आँख जो छत को ताकती है । छत गिरने का अनुमान गलत था । छत नहीं गिरा । गिरा सिर्फ़ आत्मसम्मान पाताल में जा कर उसे ढूँढने की धुन में सवार मैंने कमरे की नींव खोद दी । धीरे - धीरे सारी दीवारें ढहने लगी । अंदर मलबे में छोटी सी एक आह मिली थी वो बचपन के कराहने की आवाज़ थी ।

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15 JUL 2022 AT 12:06






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12 JUL 2022 AT 23:33

वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है,
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।

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