इंसानों में सांप बहुत हैं शातिर भी जहरीले भी
इनसे बचना मुश्किल है आजाद भी हैं फुर्तीले भी
प्रभु हम पर करना दया और इतनी सी शक्ति दे देना
हम इनको पहचान सकें व किसी तरह से बचलें भी
श्री नाग पंचमी एवं गुड़िया महापर्व की कोटिश: मंगलकामनाएं 🎉🎉🎉
श्री नाग देवता हम सभी को मनुज सर्पों को पहचानने एवं उनसे बचने की शक्ति प्रदान करें
🙏🙏-
🚩🌺 नूतनवर्षाभिनन्दन🌺🚩
कामना है कुसुमित हों, नव वर्ष की प्रथम भोर में,
प्रथम सूर्य की प्रथम रश्मि के प्रथम आलोक में!
नव आशा, नव कल्पना, नवांकुर, नव कोंपल,
नव किसलय, नव पल्लव, नव सुमन, नव सौरभ!
नव वितान, नव विधान, नव आकाश, नव अभिलाष..!!
इसी के साथ नववर्ष 2081 आप सभी पर प्रतिपल नवीन खुशियां न्यौछावर करे......-
स्वर्ग को लजाती है अवधपुरी कि आज
ले लिया है धरा पर अवतार श्री राम ने
पंथ दिखलाने सबको दूर करने भू भार
ऐसा किया खेल है सरकार श्री राम ने
अहिल्या को तारने को ताड़का को मारने को
आज फिर दी है ललकार श्री राम ने
असुरों के अंत हेतु पापियों को हंतु हेतु
लीला है रचाई भरतार श्री राम ने
धर्म की स्थापना को अधर्मियों की त्रासना को
आज दी है धनु की टंकार श्री राम ने-
स्वर्ग को लजाती है अवधपुरी कि आज
ले लिया है धरा पर अवतार श्री राम ने
पंथ दिखलाने सबको दूर करने भू भार
ऐसा किया खेल है सरकार श्री राम ने
अहिल्या को तारने को ताड़का को मारने को
आज फिर दी है ललकार श्री राम ने
असुरों के अंत हेतु पापियों को हंतु हेतु
लीला है रचाई भरतार श्री राम ने
धर्म की स्थापना को अधर्मियों की त्रासना को
आज दी है धनु की टंकार श्री राम ने-
हे आर्यपुत्र! भारतनभ के जाज्वल्यमान मार्तण्ड राम
तव कृपा किरण से बना आज यह हिन्ददेश आनन्दधाम
साकेत नगर में उत्सव है सब देख रहे नयनाभिराम
तव जन्मदिवस पर बृजनन्दन का कौशलेंद्र कोटिश: प्रणाम
🙏🙏 🙏🙏
- बृजनन्दन त्रिपाठी
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हो सके तो एक दीपक नाम का मेरे जलाना
देखना वह और दीपों से बहुत ज्यादा जलेगा
हां देखना वह अंधेरों से बहुत ज्यादा लड़ेगा
वह लड़ेगा रात से यह रात जो विकराल है
देखना तुम इस अंधेरी रात का वह काल है
आज वह गाढ़े अंधेरे को मिटाकर ही बुझेगा
देखना वह और दीपों...........................।
तुम उसे उस जगह रखना हो जहां पर बस अंधेरा
मत वहां रखना जहां पर हो उजालों का ही घेरा
मत दुखी होना वहां पर आज यदि आएं हवाएं
औ बुझाने का उसे वै ध्येय अपने संग लाएं
देखना तुम वह हवाओं को बहुत ज्यादा खलेगा
देखना वह और दीपों ...............................।-
विश्व मनाता आज दिवाली
घर घर पर दीपों की लड़ियां
चमक रहीं बिजली की कणियां
किंतु आज मेरे आंगन की
रातें हैं काली की काली
विश्व मनाता आज दिवाली
कभी विश्व देता था जिसकी
उपमा ज्योतिपुंज से उसकी
छत आंगन औ कमरों के भी
दर काले दीवारें काली
विश्व मनाता आज दिवाली
साथी !! वर्ष नए आयेंगे
वे भी दीपावलि लायेंगे
इस घर में चमकेंगी मणियां
अनुपम दिव्य रश्मियों वाली
विश्व मनाता आज दिवाली-
आशिष दो वनदेवियों! गंगा के मुख की लाज रहे,
माता के सिर पर सदा आज़ादी का यह ताज रहे।
आज़ादी का यह ताज बड़े तप से भारत ने पाया है,
मत पूछो, इसके लिए देश ने क्या कुछ नहीं गँवाया है।
आप सभी को 77वें स्वतंत्रता दिवस की कोटिश: मंगलकामनाएं एवं आकाश भर बधाइयां 🎉🎉
आइए इस अवसर पर आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीरों को नमन करें साथ ही एक समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण में अपना सहयोग दें
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बृजनन्दन सी मित्रता और सुदामा यार !
अब ऐसी यारी कहाँ ,अब यारी व्यापार !!
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स्वर्ग को लजाती है अवधपुरी कि आज
ले लिया है धरा पर अवतार श्री राम ने
पंथ दिखलाने सबको दूर करने भू भार
ऐसा किया खेल है सरकार श्री राम ने
अहिल्या को तारने को ताड़का को मारने को
आज फिर दी है ललकार श्री राम ने
असुरों के अंत हेतु पापियों को हंतु हेतु
लीला है रचाई भरतार श्री राम ने
धर्म की स्थापना को अधर्मियों की त्रासना को
आज दी है धनु की टंकार श्री राम ने-