सुनो...
शिकायतें नहीं है मुझे तुमसे ,और ना ही कोई नाराजगी है..... तुम्हारे उन लफ्जों से जो तुम बेझिझक बेमतलब बोल दिया करते हो, जब तुम बात-बात पर मेरी तुलना किसी और से करके तुम्हारे लिए मेरी अहमियत क्या है बता दिया करते हो ,और जब तुम अपनी शिकायतों का पिटारा खोल दिया करते हो कि किन-किन बातो से तुम्हारी इमोशंस और फीलिंग को चोट पहुंचती है, बावजूद इसके जाने कि मेरी इमोशंस और फिलिंग को चोट कैसे पहुंचती है । ऐसे कुछ शिकायतें मैं भी कर सकता हूं तुमसे, मगर जो तुम ना समझ सके कि इन शिकायतों से शिकायतें क्यू नहीं है मुझे तुमसे............तो सुनो
शिकायते नहीं है मुझे तुमसे और ना ही कोई नाराजगी है।
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