दुनिया छोड़ो साब, एक समय बाद तो
अपने भी हिसाब मांगने लगते हे,
चाहे पैसों का हो या रिश्तों का,
मंजिल पाने की राह पे तो
अभी अभी चलना शुरू किया था,
की नतीजों से लोग मुवाजना करने लगे,
चाहत साथ की थी, सुकून की भी थी,
पर घर जब लौटे तो,
पता चला की कस्ती में तो सिर्फ हम अकेले ही थे,
लोग सिर्फ आपको चाह सकते है,
लोग आपको प्यार कर सकते है,
पर खुद की नजरो में तो,
अपने ही बलबूतो से ही ऊपर उठना है,
जहा न मां बाप भाई बहन पत्नी,
किसी की गुंजाइश नहीं है।
-रवि-
Brijesh Modi
(ravi)
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शब्द और इंसान एक जैसे होते है, जब जरूरत होती है तभी साथ नही देते।
Fulltime Reader, Partime ... read more
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Joined 25 November 2017
18 AUG 2023 AT 11:57
24 APR 2021 AT 3:14
કદીયે પ્રકૃતિ ને છંછેડયા વગર જીવાયું છે ખરી?
આ માનવી થી જરાય સરખું રહેવાયું છે ખરું?-
18 DEC 2020 AT 1:43
हमारे अपने अगर रूठे है तो मना भी लेंगे उन्हें,
मसला उन जाहिलो का है,
जो अपने होने का दिखावा कर रहे है।-
29 NOV 2020 AT 21:36
मोहब्बत की तलवार पर चलने के कुछ तो फायदे है,
खून की जगह आंसु बहेंगे।-
29 NOV 2020 AT 8:45
your existence on the
earth is not only to please others,
you are not circus animal.
its better to please, help and motivate your self.
you will grow fast and get positive results....-
25 NOV 2020 AT 20:11
दिए में तेल कम था, फिर भी उछल उछल कर जल रहा था,
जेब मे पैसे अच्छे खासे थे, फिर भी मर मर के जी रहा था,
ये फितरत है जनाब इंसान की,
खुशिया कम और दुख ज्यादा गिनता है।-