खामोश थी राहें वक्त कर रहा था शोर, ठहर जो गया यहां तक आकर हो जाऊंगा कमज़ोर।
भूल गया था खुदा की रज़ा क्या है , बेफिक्र था न जानू वजह क्या है ।।
मुक्कमल होगा क्या खुद को पहचान पाना, मुस्कान तो है बस जीने का बहाना।।
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Interest in expressing myself
Through writing
Trying my best .
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चोट तुमको लगती है दर्द मुझे होता है, जख्म मैंने ही दे दिया अफसोस में अब ये दिल रोता है। ।
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जीना सिखा रहा ये गुज़रता लम्हा किसी से उम्मीद नहीं अब उम्मीदें अक्सर टूट जाया करती हैं,
एहसास हो गया वक्त की साज़िशों का जिंदगी एक बार नहीं कई बार मरा करती हैं।।
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दो राहों पर ले आयी है जिंदगी, दोनों राहों पे खुद को अकेला ही पाया ।
जाना तो बहोत दूर था गिरा हूँ इस कदर दो कदम भी चल न पाया।।
दो राहों पर ले आयी है जिंदगी............-
किसी की हाँ में किसी की न में जिंदगी बदल जाती है,
कुछ लमहों में खुशी कुछ में आखें नम हो जाती है।।-
मुकम्मल मोहब्बत सबके नसीब में नहीं होता, जमाना तो मुस्कुरा लेता है मगर दिल नादान है जो रोता।।
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सोच समझ कर खर्च करो ये जिंदगी है रूपया नहीं,
जो बीत गया मलाल रेह जाएगा क्या गवाया क्या कमाया नहीं ।।-
नाराज़ है लम्हे वक्त की एसी हुई है पाबंदी, आसान नहीं मंज़िल को पाना यहाँ कोई खवाब नहीं है जिंदगी।।
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इतना करीब न लाना दिल के अपने नहीं तो पछताओगे,
मैं गुज़र रहा लम्हां हूँ जो न ठेहरा तो कैसे रेह पाओगे।।-
तू है भी तू नहीं भी है, आहटें मेहसूस होती है तेरी
न जाने तुम कहाँ गए , यादें है भी नहीं भी है।।-