Brij BM   (Brij)
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Not a born writer but writer of my #experience and #life till date
Joined 22 April 2019


Not a born writer but writer of my #experience and #life till date
Joined 22 April 2019
26 MAR AT 1:48

क्या थी मेरी खता
ऐ जिंदगी इतना तो मुघे तू बता !!
शायद खाता बस इतनी सी थी
कि उजाले का इंतज़ार किये बिना ही
अँधेरे से दिल लगी कर ली मैंने!!

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7 JAN AT 12:30

उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब
वो सारी जिंदगी की ज़द्दो ज़ेहद
और वो सारी बेरहम तकलीफो का
एक-एक कर हिसाब होगा पूरा
उस दिन तेरे रहमो करम !
अश्क बहेंगे आँखों से
वो सिर्फ अश्क नहीं होंगे
वो होगा एक सैलाब जिसमें
बह जाएगी तेरी सारी मुसिबत और
डूब जायेंगे तेरे सारे गम !
और पल्को तले
बरसों से जो सपने हैं जख्मी
अश्क वही लग जाएंगे बनके मरहम !
उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब
उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब

Brij…..✍️

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4 AUG 2023 AT 12:10

तेरा लगन तेरी इबादत
तेरे खुदा को भी तो दिख रहा होगा !
घबराता है क्यू तू ए बंदे
क्या पता शायद नसीब में तेरे
वो तेरी मंजिल लिख रहा होगा !!

__Manish

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19 MAR 2023 AT 8:00

@manzil ab na tadap hai tughe pane ki
na sukoon hai tughe paa lene ki !
tughe paane k pagalpan me
kya pata us had tak gujar jaunga
aur kya tha pata mughe
ki tughe poora karte karte
khud adhura hi reh jaaunga!!

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12 MAR 2023 AT 11:06

यू ही निकल जाना चाहता हूं सफर पे
एक अंजान सफर !
सफर जिस में मैं खुद ही
बन सकु अपना हमसफर !!
एक ऐसा सफर
जिस में मैं खुद अपनी मंजिल हूं
और मैं खुद ही हूं आखिरी ठिकाना !
खुद को जो खो चुका हूं दुनिया के भीर में
मंजिल हो मेरा खुद को फिर से पाना !
एक ऐसा सफर
जिस में ना मंजिल से
जल्दी निकलने की कोई फिक्र हो !
और ना ही मंजिल पे
देर से पहुन्चने का कोई डर !
बस मैं हूं मेरा सफर हो
और मैं उस सफर का हमसफर हूं !!

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4 MAR 2023 AT 7:20


न तू रूबरू थी कभी मेरे
न शायद हो भी कभी मेरे रूबरू !!

मैं तेरे लिए कल भी पराया था
और आज भी हूं पराया !!

शायद इसीलिये...
न तेरी बेरुखी से कोई गिला कर पाया
और ना तेरी नज़रंदाज़ी से कोई शिकवा !!

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14 DEC 2022 AT 11:59

बेबस है दिल मेरा
फिर भी दिल को
कैसी ये तेरी आस है |
न रूबरू तू थी मेरे कभी
ना रूबरू हु कभी मैं तेरे शायद
फिर भी तेरे साथ होने का
हर पल साथ एक एहसास है |

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24 NOV 2022 AT 12:42

इंतजार है तेरा कि..
इस गुमनाम को नाम मिल जाए !!
अब ना इंतजार होती है सुबह की
न इंतजार में शामिल है रातें
इंतजार है कि बस
मेरी मंजिल को अंजाम मिल जाए!!
इंतजार है कि..
इस गुमनाम को नाम मिल जाए !!

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18 NOV 2022 AT 8:40

Tere sangharsh, Teri wo zindgi se
jaddojahad ki gawaah hai wo raate !
Jo bin palke jhukaye hai tune kite kaate !
tughe pata nahi..
Tere sath Tera uparwala bhi raato ko jaaga hoga !
le k gawahi un sangharsh mayi raaton ka
faisla tere haq ka sunata hoga !
Tera lagan upar wale ko bhi dikh raha hoga !!
ghabrata hai kyu, kya pata shayad...
tere naseeb me wo teri manjil likh raha hoga !!

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17 NOV 2022 AT 20:24

Tere sangharsh, Teri wo zindgi se jaddojahad ki gawaah hai wo raate !
Jo bin palke jhukaye hai tune kite kaate !
Tera lagan upar wale ko bhi to dikh raha hoga !!
ghabrata hai kyu, kya pata shayad...
tere naseeb me wo teri manjil likh raha hoga !!

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