Kyu rok raha tu apne jajbaato ko
jo jajbaat bahne chahiye the baato se
Wo kyu aaj bah Rahe hai aankho se
Kyu rok raha tu apne baato ko
Rok k apne ashqo ko
Tu bahne de apne jajbaato ko
Tu bahne de apne baato ko !!
Kaisi teri ye bandishe hai
Jo rok rahi teri baato ko
Kaisi teri ye ranjishe hai
Jo rok rahi teri jajbaato ko
Tod k saari bandishe
Tod k saari ranjishe
Beh chal tu …..
Aur beh jaane de apne baato ko !!
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वो आखिरी बात अधूरी रह गई
वो आख़िरी मुलाक़ात अधूरी ही रह गई
पूरा तुझसे मैं अधूरा ही रह गया !!
बाते जो….
दिल के किसी कोने में दफ़न हो के रह गई
आंखे उनको अश्कों द्वार बयां कर गई
फिर भी कुछ अश्क आँखों में ही रह गए
बाते कुछ अधूरे से दिल में ही रह गए
पूरा तुझसे मैं अधूरा ही रह गया !!
क्या पता था तेरी चाहत में
मैं उस हद तक गुजर जाऊंगा !
क्या पता था मुझे,
तेरी चाहत के गुमनाम उन राहो मैं
मैं इस कदर गूम हो जाऊंगा !!
सारे फासले पूरा कर के भी
मैं अधूरा ही रह जाऊंगा !!!
वो आखिरी बात अधूरी रह गई
वो आख़िरी मुलाक़ात अधूरी ही रह गई !-
अब तुझसे ही मेरी हार है
तुझसे ही है मेरी जीत
मेरी प्रिया गीत, मेरी प्यारी गीत !!
मुघे पता है तू लड़ी बहुत है हालात से
तू लड़ी बहुत है जज्बातो से
समाज की बातों से
काश मैं तेरे दर्द को महसूस कर सकता
काश मैं तुझे तेरे दर्द से महफ़ूज़ रख सकता
मेरी प्रिया गीत, मेरी प्यारी गीत !!
काश तू उस हालत में होती तो ज़रूर
रूबरू होती मेरे भी हालात से
पर तुझ से क्या ही शिकवा और
क्या ही शिकायत रखता
तू तो खुद लड़ रही थी,ना जाने कैसे हालात से
तुझे हार कर क्या ही करता मैं दुनिया को जीत
मेरी प्रिया गीत, मेरी प्यारी गीत !!
तेरे नैन से बहे हर एक अश्क से
भीगी हुई है मेरे एहसास का चादर
तेरे मोती समान अश्क से
भर गया है मेरे अहसास का गागर
वादा रहा................
उन्हें अश्क को संभाल कर
बूंद-बूंद भर दूंगा तेरे सपनों का सागर
हार कर भी मैंने लिया है तुझे जीत
मेरी प्यारी गीत, मेरी प्रिया गीत !!
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तुम्हें ही पाना है मुझे अब जो भी हो अंजाम !
ख्वाहिश नहीं बाकी किसी चीज़ की
ख्वाहिश है बस तेरी हसीन ज़ुल्फो के तले
बीतेगी अपनी हर एक शाम !
लम्हो में ही सादिया जीना चाहता हूँ
तुमको पाकर मैं ………….
बहुत तैर लिया जिंदगी के गागर में !!
अब तो बस डूब जाना चाहता हूँ
तेरी हसीं आँखों के सागर में !!-
क्या थी मेरी खता
ऐ जिंदगी इतना तो मुघे तू बता !!
शायद खाता बस इतनी सी थी
कि उजाले का इंतज़ार किये बिना ही
अँधेरे से दिल लगी कर ली मैंने!!-
उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब
वो सारी जिंदगी की ज़द्दो ज़ेहद
और वो सारी बेरहम तकलीफो का
एक-एक कर हिसाब होगा पूरा
उस दिन तेरे रहमो करम !
अश्क बहेंगे आँखों से
वो सिर्फ अश्क नहीं होंगे
वो होगा एक सैलाब जिसमें
बह जाएगी तेरी सारी मुसिबत और
डूब जायेंगे तेरे सारे गम !
और पल्को तले
बरसों से जो सपने हैं जख्मी
अश्क वही लग जाएंगे बनके मरहम !
उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब
उस दिन आंख तो तेरी जरूर होगी नंब
Brij…..✍️-
तेरा लगन तेरी इबादत
तेरे खुदा को भी तो दिख रहा होगा !
घबराता है क्यू तू ए बंदे
क्या पता शायद नसीब में तेरे
वो तेरी मंजिल लिख रहा होगा !!
__Manish-
मंजिल अब न तड़प है तुझे पाने की
ना सुकून है तुझे पा लेने की !
तुझे पाने के पागलपन में
क्या पता था ……………
उस हद तक गुजर जाऊंगा
और क्या था पता मुझे
की तुझे पूरा करते करते
खुद अधूरा ही रह जाऊंगा !!-
यू ही निकल जाना चाहता हूं सफर पे
एक अंजान सफर !
सफर जिस में मैं खुद ही
बन सकु अपना हमसफर !!
एक ऐसा सफर
जिस में मैं खुद अपनी मंजिल हूं
और मैं खुद ही हूं आखिरी ठिकाना !
खुद को जो खो चुका हूं दुनिया के भीर में
मंजिल हो मेरा खुद को फिर से पाना !
एक ऐसा सफर
जिस में ना मंजिल से
जल्दी निकलने की कोई फिक्र हो !
और ना ही मंजिल पे
देर से पहुन्चने का कोई डर !
बस मैं हूं मेरा सफर हो
और मैं उस सफर का हमसफर हूं !!
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न तू रूबरू थी कभी मेरे
न शायद हो भी कभी मेरे रूबरू !!
मैं तेरे लिए कल भी पराया था
और आज भी हूं पराया !!
शायद इसीलिये...
न तेरी बेरुखी से कोई गिला कर पाया
और ना तेरी नज़रंदाज़ी से कोई शिकवा !!
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