उसकी बात के जज़्बात सारे
यादों में बीतेंगी रात सारे
की उस मुस्कान की फ़ितरत
बदल ही दी नजर के हर नजारे-
जख्म है बेरंग माना
दर्द का कोई रंग नहीं
याद की तस्वीर किसकी
या जो वो है संग नहीं
है निराशा जिसकी आसा
खेल का पाशा नहीं
प्रेम में पागल हो या
पिए हो वो जो भंग नहीं
जीत है या हार है
या हार जो गले लगे
या धुले हो तन को तुम
या मन में तेरे गंग नहीं
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The longest journey
From one hope to another hope
Must far from your dream-
उसकी आदत से निकल नहीं पाता
दिल बस बीते बात गुनगुनाता
समझ रहे हैं परेशनियाँ सारी
उसके बिना मुझे कुछ भी नहीं भाता-
मेरे अंदर का बच्चा किसी कोने में बैठकर रोया बहुत
जैसे सब कुछ मिल गया उसको या उसने खोया बहुत
आँसु खुशी के थे या गम के ,इस पल के लिए खुद को संजोया बहुत
लगाया जो था पेड़ गलिचों में मैं ,आए हवा सुकून के
पत्ते झरे उस पेड़ के जिसे मिट्टी में बोया बहुत
इसी याद में रहे की वो याद तो करेगा
यही सोच कर उसके ख्वाब में सोया बहुत-
ताउम्र कोष कर खुद को बताओ मिल गया क्या
ना वो वक्त ना अब समय और वो इंसान भी नहीं है-
कल प्यार उन्हें गुनाह लगने गया
प्यार की सारी बातें उन्हें आह लगने लगा
रुठी जबसे तब से मानी नहीं है
हसीन सफर उन्हें काँटों का राह लगने लगा
गलती थी मेरी की मैंने कुछ बोला जो उन्हें बहुत बुरा था
मुझे तो प्रेम का एक नया चाह लगने लगा
उन्होंने भी उसके पर्याय शब्द बहुत बार बोले हैं
लेकिन मेरे अल्फाज उन्हें गुनाह का पनाह लगने लगा-
मेरी सच्ची सी अहसास उनके लिए ,परेशानी बन गयी
बेजूबाँ खुशी के,तनहाई की निशानी बन गयी
उनका मिलना अहसासों का मिलन था
या भरोसा दिलाने की कहानी बन गयी-
एक बात बता दीजिए
मेरे दिल को तसल्ली दिला दीजिए
क्या sorry बोलने से सब सही हो जाता है
तो ये अहसास भी मुझे जता दीजिए-
हर जर्रे को तराशा की हर पत्ते को तलाशा
प्यार को बदनाम ना करे , जिंदगी है ही तमाशा-